घरों के नीचे दब गई पाइप लाइन
संवाद सहयोगी, लोहाघाट इसे तंत्र की लापरवाही कहे या फिर विभाग की अनदेखी ऐसा ही हाल नगर से
संवाद सहयोगी, लोहाघाट
इसे तंत्र की लापरवाही कहे या फिर विभाग की अनदेखी ऐसा ही हाल नगर से लगे ग्राम सभा सुई व चौड़ी में बनी पेजयज योजनाओं के पाइप लाइन का है। सरकार द्वारा करोड़ों रुपये की लागत से बनाई गई योजनाओं की पाइप लाइनें जीर्णशीर्ण हो गई है। 39 साल पूर्व बनी पेयजल योजना के पाइप घरों के नीचे दबे हुए है। जिस कारण आए दिन पानी की सप्लाई बाधित होती है। कई बार इस बावत शिकायत भी की गई लेकिन किसी ने भी इसकी सुध नहीं ली।
पांच गांव सुई के लिए ग्राम सभा पाटन पाटनी के प्रेमनगर में 1979 सुई लिफ्ट पेयजल योजना बनी हुई है। जिसकी जला पूर्ति सुई पऊ, खैशकांडे, सात खाल, पांडेय गांव, छमनियां व चमनपुर तोक के साथ बाराकोट ब्लॉक के कालाकोट को पानी की सप्लाई होती है। सभी गांवों को मिला कर लगभग तीन हजार की आबादी इस लिफ्ट योजना पर निर्भर है। इन गांवों ने प्राकृतिक जल स्रोत के अलावा अन्य कोई ऐसा विकल्प नही। पेयजल योजना को 39 साल हो गए है। लोगों के घरों के नीचे पाइप लाइनें दबी हुई हे। विभाग द्वारा बहार दिख रहे पाइपों को तो बदल दिया जाता है। लेकिन घरों के नीचे दबी पाइपों की सुध नहीं ली। चौड़ी लिफ्ट योजना का भी हाल ऐसा ही है। एक साल पूर्व बदले गए थे पाइप
सुई लिफ्ट पेयजल योजना के लिए विभाग ने बीते तीन साल पूर्व पॉलीटेक्निक गधेरे तक पाइप बदले। आगे की स्थिति जस की तस बनी हुई है। जिसके चलते इस पेयजल योजना का उपयोग करने वाले लगभग तीन हजार की आबादी को पड़ रहा है। कालाकोट के ग्रामीणों को चार दिन में पानी मिल पा रहा है तो सुई में दूसरे व तीसरे दिन पानी मिल पा रहा है। विभाग झाड़ लेता है पल्ला
पर्याप्त पानी न मिलने के कारण लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। विभाग कभी नदी सुख गई तो कभी पाइप फट गए कह कर पल्ला झाड़ दिया जाता है। वर्जन-
-जिला योजना में पेयजल योजना के पुर्नगठन के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। जैसे ही धन मिलेगा खराब पाइप लाइनों को ठीक किया जाएगा।
= पवन बिष्ट, जेई, जल संस्थान