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जल्द उठाएं प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ

= योजना में आवेदन करने की 15 दिसम्बर है अंतिम तिथि संवाद सहयोगी, चम्पावत : प्रधानमंत्री फसल ब

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Dec 2018 10:33 PM (IST)Updated: Tue, 11 Dec 2018 10:33 PM (IST)
जल्द उठाएं प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ
जल्द उठाएं प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ

= योजना में आवेदन करने की 15 दिसम्बर है अंतिम तिथि

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संवाद सहयोगी, चम्पावत : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को रबी की फसल गेहूं के लिए लागू किया गया था। जिसके लिए राज्य सरकार द्वारा एग्रीकल्चर इंश्योरेंश कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड को अधिकृत किया गया है। फसल बीमा योजना का लाभ लेने की अंतिम तिथि 15 दिसम्बर है।

जिले के काश्तकारों को मौसम रबी में बोई जाने वाली गेहूं की फसल के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को जारी किया है। जिसमें काश्तकार अपनी गेहूं की फसल का बहुत ही कम प्रीमियम में बीमा करा सकते हैं। यह प्रीमियम प्रत्येक जिले के लिए अलग अलग है। जनपद चम्पावत में 41667 रुपये प्रति हैक्टेयर की दर से बीमा किया जा रहा है। जिसमें काश्तकार को बीमा राशि का केवल डेढ़ प्रतिशत अर्थात 625 रुपये प्रति हैक्टेयर ही देना है, फसल बीमा का शेष 98.5 प्रतिशत का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ उठाने की अंतिम तिथि 15 दिसम्बर है। अब तक इस योजना में 200 से अधिक काश्तकार आवेदन कर चुके हैं।

----------------- कैसे करें आवेदन

जिन काश्तकारों का ऋण खाता एक अक्टूबर से अब तक क्रियाशील है वे स्वत: ही इस योजना में शामिल हैं। लेकिन जो काश्तकार फसल बीमा का लाभ लेना चाहते हैं वे कृषि विभाग के न्याय पंचायत प्रभारी से संपर्क कर सकते हैं अथवा नजदीकी बैंक शाखा, सहकारी समिति, सीएससी सेंटर, एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी के प्रतिनिधि को प्रस्ताव पत्र, आवश्यक प्रपत्र तथा प्रमियम राशि जमा करा सकते हैं।

------------------ किस आधार पर मिलेगा बीमा का लाभ

काश्तकारों को यदि फसल के उत्पादन में नुकसान होता है तो उन्हें क्षति का मूल्यांकन, निर्धारण व दावा भुगतान प्रक्रिया के आधार पर बीमा का लाभ मिलेगा। जिसमें प्राकृतिक आपदा, सूखा, जल प्लावन, व्यापक आधार पर की एवं व्याधियों का प्रभाव, भूस्खलन, आग, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात आदि से फसल को नुकसान होने पर क्षतिपूर्ति का लाभ देय होगी। उपरोक्त कारणों से फसल कटाई के पहले या बाद खेत में सुखाने के लिए रखी फसल को हुए नुकसान की स्थिति में एआइसी को 72 घंटे के भीतर नुकसान की जानकारी देना आवश्यक है। बुआई न हो पाने, फसल को नुकसान होने की स्थिति में नियमानुसार अधिकतम 25 प्रतिशत तक का दावा भुगतान किया जा सकता है।

---------------- वर्जन -

जनपद में तहसील स्तरों पर काश्तकारों द्वारा फसल बीमा के आवेदन लिए जा रहे हैं। साथ ही ग्रामीणों से अपील की जा रही है कि अधिक से अधिक लोग प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना का लाभ उठाएं। - सुरेंद्र कुमार, जिला कृषि अधिकारी चम्पावत।


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