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ग्रामीणों के विरोध के कारण किरोड़ा में खनन का ठेका लेने की हिम्मत नहीं जुटा पाए ठेकेदार

टनकपुर में ग्रामीणों के भारी विरोध के चलते किसी भी ठेकेदार ने किरोड़ा के लिए बोली नहीं लगाई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 11:11 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 06:17 AM (IST)
ग्रामीणों के विरोध के कारण किरोड़ा में खनन का ठेका लेने की हिम्मत नहीं जुटा पाए ठेकेदार
ग्रामीणों के विरोध के कारण किरोड़ा में खनन का ठेका लेने की हिम्मत नहीं जुटा पाए ठेकेदार

टनकपुर, जेएनएन : लंबे समय से ग्रामीणों के भारी विरोध का असर टनकपुर तहसील सभागार में बुधवार को ही चैनलाइजेशन की टेंडर प्रक्रिया में साफ देखने को मिला। जिसके चलते कोई भी ठेकेदार किरोड़ा में खनन का ठेका हासिल करने के लिए बोली लगाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। यहा केवल लधिया के ही तीन लॉट की बोली हो पाई। सूत्रों के मुताबिक तीन लॉट की बोली में खूब पूलिंग हुई। ठेकेदारों की मिलीभगत से बेस दाम से करीब डेढ़ दो लाख अधिक तक ही बोली निपट गई थी।

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इस बोली को संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने सभागार में कोई भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाया था। हॉल में बैठे ठेकेदार बाहर बैठे साथियों से खुलेआम फोन और व्हाट्सएप पर जानकारिया शेयर कर रहे थे। इससे लोग प्रशासन की कार्य प्रणाली को भी सवालों के घेरे में खड़ा कर रहे हैं।

एसडीएम दयानन्द सरस्वती की अध्यक्षता में लधिया नदी में टेंडर प्रक्रिया शुरू हुई। आठ लॉट में बोली लगाने के लिए महज 30 ठेकेदारों ने ही पंजीकरण कराया था। झालाकुड़ी के 0.5 हेक्टेयर के लिए हुई बोली 23.11 लाख रुपये से शुरू होकर 31.50 लाख रुपये पर पहुंची। ठेकेदारों के बीच पूल बनने के कारण नौलापानी के एक हेक्टेयर के लिए बोली का 30.80 लाख से शुरू होकर 33.35 लाख तक पहुंच पाई। वहीं लधिया नाले की आखिरी बोली 30.80 से शुरू हुई जो 32.05 तक पहुंची। उसके बाद किरोड़ा के पाच लॉट की बोली का नंबर आते ही हॉल में सन्नाटा पसर गया। इस बीच कई बार एसडीएम ने ठेकेदारों से बढ़चढ़ कर बोली लगाने का आग्रह किया, लेकिन ठेकेदार बोली के लिए मुंह खोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। ठेकेदारों का साफ कहना था कि ग्रामीण किरोड़ा में चैनलाइजेशन का भारी विरोध कर रहे हैं। इसके चलते प्रशासन को मायूस होकर टेंडर प्रक्रिया संपन्न होने का एलान करना पड़ा। एसडीएम सरस्वती ने बताया कि तकनीकी दिक्कतों के चलते किरोड़ा नाले के टेंडर नहीं हो सके। शीघ्र ही रिटेंडर कराए जाएंगे। कार्यक्रम में तहसीलदार खुशबू पाडेय, खान अधिकारी राजपाल लेघा, सिंचाई विभाग के एई डीसी काडपाल, बूम रेंज के रेंजर आनन्द पाठक, शारदा रेंजर महेश सिंह बिष्ट, सीओ विपिन चन्द्र पंत आदि शामिल रहे। ========== ठेकेदार बोले, फ्री में भी नहीं लेंगे ठेका

ठेकेदारों ने एसडीएम को बताया कि ग्रामीण तीन साल से किरोड़ा में खनन का खुला विरोध कर रहे हैं। पिछले साल भी विरोध के कारण एक ठेकेदार की ओर से जमा किए गए 18 लाख रुपये फंस गए थे। इस साल भी ग्रामीणों ने किरोड़ा में खनन के दौरान वाहन और जेसीबी आदि में तोड़फोड़ की चेतावनी दी है। लिहाजा कोई भी व्यक्ति किरोड़ा का ठेका लेकर अपनी जमा पूंजी नहीं गवाना चाहता है। उन्होंने यहा तक भी कह डाला कि चाहे प्रशासन उन्हें निशुल्क भी ठेका दे तो वह इसके लिए कतई राजी नहीं होंगे। ======== चेताने के लिए तहसील पहुंचे थे ग्रामीण

टनकपुर : बोली प्रक्रिया के दौरान गैड़ाखाली और थ्वालखेड़ा के ग्रामीण भी तहसील पहुंच गए थे। उन्होंने हर ठेकेदार से कहा कि वह किरोड़ा का ठेका न लें। ठेका लेने की स्थिति में उन्हें पछताने के सिवा कुछ नहीं मिलेगा। नरेश सकारी, सुंदर सिंह बोहरा, देवेंद्र सामंत, पूरन सिंह महर आदि ने कहा कि किरोड़ा का ठेका दिया तो ग्रामीण अनशन पर बैठ जाएंगे।


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