ग्रामीण क्षेत्रों में कूड़ा निस्तारण के नहीं पुख्ता इंतजाम
संवाद सहयोगी लोहाघाट स्वच्छ भारत मिशन अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में सिर्फ मिशन ही है। क्ष
संवाद सहयोगी, लोहाघाट : स्वच्छ भारत मिशन अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में सिर्फ मिशन ही है। क्षेत्र के पाटन कनेड़ा से लेकर गलचौड़ा के जंगलों में जगह-जगह कट्टों में भरे कूडे़ का अंबार लगा हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता का पुख्ता इंतजाम न होने के कारण जगह-जगह कूड़ा फेंका जा रहा है। जिससे पर्यावरण को क्षति तो हो ही रही है। साथ ही रोड किनारे फेंका गया कूड़ा बंदरों को भी दावत दे रहा है। जिससे क्षेत्र में बंदरों का भी आतंक बना हुआ है।
ग्रामीण क्षेत्र में जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर से आने वाली दुर्गध से लोगों का मार्ग पर चलना मुहाल हो गया है। क्षेत्र के बाराकोट मोटर मार्ग पर देवदार के वनों में थैलों में भर कर जैविक व अजैविक कूडे़ को फेंका जा रहा है। इस मार्ग से पॉलीटेक्निक व राप्रावि सुई पऊ के बच्चों के साथ ही सुबह शाम सैर करने वालों को नाक में रुमाल रखकर चलना पड़ता है। क्षेत्र के पर्यावरणविद आरडी चौथिया, महेश चंद्र, बल्लभ तलनियां, टीसी खर्कवाल, गिरीश पांडेय, केडी चतुर्वेदी, सुरेश चंद्र जोशी कई बार लोगों को जागरूक करने के लिए सड़क के किनारे से कूड़ा साफ कर चुक हैं, लेकिन लोग कूड़ा फेंकने से बाज नहीं आ रहे हैं। पैदल आवाजाही करने वाले लोगों के हाथों में थैला देख बंदर थैला छिन लेने की घटना आम हो रही है। अभिभावक अपने बच्चों को अकेले स्कूल भेजने में कतरा रहे हैं। क्षेत्र के लोगों ने सड़क के किनारे कूड़ादान बनाने की मांग की है। वहीं ग्राम सभा सुई के ग्राम प्रधान मनोज ओली का कहना है कि घरों का कूड़ा जंगलों में फेंकते पकड़ने जाने वालों पर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।