बंदरों के आतंक से परेशान ग्रामीण
संवाद सहयोगी, चम्पावत : एक ओर पाले की मार तो दूसरी ओर बंदरों का आतंक काश्तकारों की फ
संवाद सहयोगी, चम्पावत : एक ओर पाले की मार तो दूसरी ओर बंदरों का आतंक काश्तकारों की फसल के लिए परेशानी का सबब बन रहा हैं। क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में काश्तकार बंदरों के आतंक से परेशान हैं। बंदर ग्रामीणों की फसल को तो नुकसान पहुंचा ही रहे हैं। साथ ही उनके घरों में घुस कर सामान उठा ले जा रहे हैं।
नगर से सटे ग्रामीण क्षेत्र खर्ककार्की, पवेत, बिसौन, बाजरीकोट, मुड़ियानी, मडलक आदि गांवों के सैकड़ों ग्रामीण बंदरों के आतंक से परेशान हैं। बंदर गांवों में घुसकर उनके फसल को तो नुकसान पहुंचा ही रहे हैं वहीं लोगों के घरों में घुस रहे हैं। भगाने पर कई बंद तो काटने को भी आ रहे हैं। बंदर घरों से खाने पीने की वस्तुओं सहित अन्य सामन उठाकर ले जा रहे हैं। जिससे फसलों के साथ ही सामन का नुकसान भी हो रहा है। ग्रामीणों का कहना है बंदरों का आतंक इतना बढ़ गया है कि बच्चों को अकेले छोड़ने में डर लग रहा है। घर के पास ही होने पर भी घरों के दरवाजे बंद रखने पड़ते हैं कि कहीं घर में बंदर न घुस जाए। जिसे देखते हुए ग्रामीण प्रशासन से बंदरों के आतंक से निजात दिलाने की मांग कर रहे हैं।
============== बंदरों द्वारा खेतों में फसल, फल, साक सब्जी आदि को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। आए दिन खेतों से बंदरों को भगाना पड़ता है लेकिन वह नजर हटते ही खेतों में घुस जाते हैं। - दया किशन पांडेय, ग्रामीण
============ बंदर घरों में घुस कर राशन, फज सब्जी को उठाकर ले जा रहे हैं। यही नहीं लोगों के हाथों से सभी सामन छीनकर ले जा रहे हैं। - राधा देवी, ग्रामीण
============ बच्चों को अकेले छोड़ने में भी डर लगता है। कई बंदर भगाने पर काटने को आते हैं। - चंद्र कला पांडेय
============= एक तो पाले से फसल खराब हो रही है और दूसरा बंदर उसे नहीं छोड़ रहे हैं। आए दिन बंदरों का झुंड फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है। - हेमा पांडेय, ग्रामीण।
============= वर्जन -
जंगलों में बंदरों को खाने के लिए कुछ नहीं मिल रहा है इसलिए वे गांवों की ओर रुख कर रहे हैं। इनकी बढ़ती तादात को रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। - केएस बिष्ट, डीएफओ चम्पावत।