मां बाराही की रथ यात्रा में दर्शन को उमड़ा जनसैलाब
संवाद सहयोगी, लोहाघाट : देवीधुरा में चल रहे बग्वाल मेले में सोमवार को धार्मिक परंपरा के
संवाद सहयोगी, लोहाघाट : देवीधुरा में चल रहे बग्वाल मेले में सोमवार को धार्मिक परंपरा के अनुसार मां ब्रज बाराही की भव्य रथ यात्रा निकाली गई। जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने रथ के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। मंदिर परिसर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ना शुरू हो गया। बाद में मा के जयकारों के साथ मंदिर में पूजा अर्चना हुई।
धार्मिक परंपरा के अनुसार संदूक में बंद मां बाराही देवी, सरस्वती व महाकाली की मूर्तियों की पूजा अर्चना कर उन्हे बक्से से बाहर निकाला गया। पीठाचार्य कीर्ति बल्लभ जोशी व गिरजा प्रसाद जोशी द्वारा वैदिक विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की तथा मूर्ति को ग्राम गुरना के पुजारी को सौंपा। आंखों में काली पट्टी बाध कर व तीन पर्दो के बीच मुख्य यजमान धन सिंह बागड़ ने मूर्तियों को पवित्र स्नान कराया। स्नान के बाद मूर्तियों को चार खाम व सात थोकों के लोगों की मौजूदगी में सौंपा गया। उन्होंने मूर्ति को गोद में लेकर शोभा यात्रा शुरू की। रथ यात्रा को मां के जयकारे के साथ मुचकुंद ऋषि के आश्रम ले जाया गया। जहां रथ यात्रा के पीछे चल रही महिलाओं द्वारा मां के मंगल गीत गाने के साथ अक्षत व पुष्पों की बरसात की जा रही थी। इस सुहावने दृश्य को देखने के लिए देश के विभिन्न अंचलों से पहुंचे लोग लालायित थे। कहा जाता है कि देवासुर संग्राम में काल यवन राक्षस के साथ हुए युद्ध में मुचकुंद ऋषि द्वारा देवताओं का साथ दिए जाने से प्रसन्न मां बाराही ने ऋषि के आश्रम में आज के दिन स्वयं आकर उन्हे दर्शन देने का वचन दिया था। इसी परम्परा के अनुसार रथ यात्रा मुचकुंद ऋषि के आश्रम तक ले जाई जाती है। आश्रम की परिक्रमा के बाद रथ यात्रा वापस मां बाराही मंदिर पहुंची। जहां शिलिंग चौबाड़ी में पान सिंह बिष्ट को मूर्ति सौंप दी गई। रथ यात्रा मंदिर पहुंचने के बाद मां बाराही की मूर्ति को ताम्र पेटी में रख दिया गया। शोभायात्रा में हजारों लोगों द्वारा प्रतिभाग किया गया। मेला देखने अल्मोड़ा, नैनीताल, चम्पावत सहित अन्य क्षेत्रों से पहुंचे हजारों लोगों ने मां के दर्शन की पुण्य लाभ कमाया।