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ग्राम प्रधानों ने उठाई वित्तीय वर्ष के कार्य शुरू करवाने की मांग

ग्राम प्रधान संगठन की लोहाघाट इकाई ने वित्तीय वर्ष के विकास कार्य शुरू कराने को डीएम को ज्ञापन सौंपा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 May 2020 11:18 PM (IST)Updated: Fri, 15 May 2020 06:16 AM (IST)
ग्राम प्रधानों ने उठाई वित्तीय वर्ष के कार्य शुरू करवाने की मांग
ग्राम प्रधानों ने उठाई वित्तीय वर्ष के कार्य शुरू करवाने की मांग

लोहाघाट, जेएनएन : ग्राम प्रधान संगठन की लोहाघाट इकाई ने वित्तीय वर्ष के विकास कार्य शुरू करवाने की मांग की है। इस संबंध में ग्राम प्रधानों ने गुरुवार को जिलाधिकारी एसएन पांडे को ज्ञापन सौंपा। उनका कहना था कि पंचायत के एक साल बीतने के बाद अभी भी वित्त्त के कार्य शुरू नहीं हो पाए हैं, जिससे विकास कार्य प्रभावित हो गए हैं। उन्होंने वित्त्तीय वर्ष की कार्य योजना समय पर पास करवा कर पंचायतों में रोजगार मुहैया कराने की मांग की। ज्ञापन में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवासियों के लिए बनाए गए क्वारंटाइन सेंटरों की देख रेख की जिम्मेदारी प्रधानों को दी गई है। बीमार लोगों की सूचना देने के बाद भी लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण नही हो पा रहा है। कहा कि ग्राम पंचायतों में संसाधनों की कमी होने से दस से अधिक लोगों को नहीं रखा जा सकता है। ज्ञापन सौंपने वालों में ग्राम प्रधान संगठन के ब्लाक अध्यक्ष भुवन चंद्र भट्ट, भुवन चौबे, देवेंद्र बिष्ट, योगेश सिंह, सरिता अधिकारी, एलएम जोशी, भुवन सुतेड़ी, शिवराज सिंह बोहरा, गणेश सिंह, युगल किशोर शामिल रहे। ======== प्रधानों को नहीं दिया गया बजट चम्पावत : गांवों में बने क्वारंटाइन सेंटरों में व्यवस्थाओं के लिए ग्राम प्रधानों को दिए बजट के प्रश्न को डीएम एसएन पांडे ने साफ तौर पर मना कर दिया। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधानों को किसी प्रकार का कोई बजट नहीं दिया गया है। प्रधान भ्रामक सूचना प्रसारित न करें, अगर किसी परिवार को रहने व खाने की व्यवस्था करने में दिक्कत है तो उसका खर्च सरकार स्वयं उठाएगी। ग्राम प्रधानों से सिर्फ सहयोग मांगा गया है। जिससे गांव में वायरस को फैलने से बचाया जाए। ======= भेजे जाएंगे प्रवासी मजदूर

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चम्पावत : डीएम एसएन पांडे ने कहा कि जनपद में करीब 300 प्रवासी मजदूरों ने घर जाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है। जो मजदूर काम पर लगे हैं। उन्हें नहीं भेजा जाएगा। उन्हें भेजने से कार्य प्रभावित होंगे। इसके बाद संबंधित राज्य के अधिकारियों से एनओसी लेने के बाद ही उन्हें राज्य के बॉर्डर पर छोड़ा जाएगा।


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