कृष्ण ने पांचजन्य शंख बजायो, युद्ध में मचि गई हा-हाकार...
संवाद सहयोगी, लोहाघाट/चम्पावत : गुमदेश क्षेत्र के विभिन्न गांवों में गौरा गायन बुधवार को भी जारी रहा। नगर से लगे गांवों में भी दिनभर झोड़ा और झुमटों का गायन हुआ। चम्पावत और टनकपुर में भी महिलाओं ने गौरा महेश्वर की स्तुति में मंगल गीत गाए। गुमदेश क्षेत्र में पुरुष भी महिलाओं के साथ कदम से कदम मिलाकर गौरा गायन कर रहे हैं।
गुमदेश के चमदेवल, जिंडी, लुपड़ा, नरसों, सुनकुरी, कुरी, निडिल आदि गांवों में महिलाओं और पुरुषों ने गौरा, धूमारी, चाली का गायन और नृत्य किया। महाभारत कालीन गाथा-भीष्म ले भरी हाली युद्ध की ललकार, दुर्योधन मन खुशी भ्यान, कृष्ण ले पांचजन्य शंख बजायो, युद्ध में मचि गई हा-हा कार आदि गीतों का गायन किया। इससे पूर्व जिंडी के गौरा देवी मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की गई। इसके अलावा सुंई, सिंगदा, नदेड़ा, आदि गांव में भी महिलाओं ने गौरा गायन किया गया। इस दौरान प्रताप चंद, भगत राम, बृज मोहन, गोपाल राम, प्रेम चंद, महेश चंद, रीता देवी, पुष्पा देवी, ललित चंद, खुशाल चंद, लक्ष्मण चंद, दीपक सिंह, दिनेश सिंह आदि शामिल रहे। सुंई पऊ गांव में महिलाओं ने गौरा महेश की पूजा अर्चना कर झुमटों का गायन किया। दे दे दे वरदान, कांछी आयों देवा तेरा थान..., दैनी हाथी दया की ठेकी तेरी सनमान... आदि गीतों का गायन किया। इस मौके पर मुन्नी खर्कवाल, रीता ओली, पुष्पा ओली, शांति चतुर्वेदी, नीमा, गीता, राधिका, हीरा देवी आदि महिलाएं मौजूद रहीं। टनकपुर के सैलानीगोठ के ठाकुर महाराज के मंदिर में महिलाओं ने गौरा गायन किया। जिला मुख्यालय के कई गांवों में प्रसाद वितरण कर बुधवार को गौरा महोत्सव का समापन किया गया।