गमगीन माहौल में एक ही परिवार के चार लोगों का हुआ अंतिम संस्कार
सुल्ला पासम में आपदा में मारे गए एक ही परिवार के चार सदस्यों का गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया।
संवाद सहयोगी, लोहाघाट : नेपाल सीमा से लगे रौसाल क्षेत्र के सुल्ला पासम में भारी बारिश के साथ आए मलबे की चपेट में आने से एक की परिवार के चार लोगों की मौत हो गई थी। गुरुवार को गमगीन माहौल में चारों का अंतिम संस्कार स्थानीय श्मशान घाट पर किया गया। बताते चलें की बीते मंगलवार की देर रात सुल्ला पासम गांव में मलबा आने से 32 वर्षीय कैलाश सिंह पुत्र कुंवर सिंह, चंचला देवी 28 पत्नी कैलाश सिंह, रोहित सिंह 12 और भुवन सिंह 8 पुत्र कैलाश सिंह मलबे की चपेट में आ गए। घटना की सूचना मिलने के बाद एसडीएम केएन गोस्वामी के निर्देश के निर्देश पर फायर, राजस्व, पंचेश्वर कोतवाली से राहत और बचाव टीमें में रेस्क्यू किया। बुधवार देर शाम चारों शवों को बरामद किया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पोस्टमार्टम कर शव स्वजनों को सौंप कर स्वजनों को सौंपा। तहसीलदार विजय गोस्वामी ने बताया किया मुआवजे की प्रक्रिया पूरी कर जिले को भेज दी गई है। मृतक का बड़ा भाई दान सिंह दिल्ली में रहता घटना की सूचना मिलते ही गांव पहुंच गया है। ============== पुराने घर को छोड़ा, नए घर में हुई मौत
रौशाल के सुल्ला पासम में मेहनत मजदूरी कर घर चलाने वाले कैलाश को पता नही था कि मंगलवार की देर रात उनके परिवार के लिए बारिश मौत का कहर बनकर आएगी और पूरे परिवार को सदा सदा के लिए मौत के नींद देगी। लगातार मूसलधार बारिश होने से पुराना घर टपक रहा था। प्रधानमंत्री आवास से बने नए घर में रहने के लिए चले गए। नियति को तो कुछ और ही मंजूर था। पूरा परिवार पुराने मकान की छत को टपकते हुए देख नए मकान में चले गए। इतने में सड़क से आए पेड़ और मलबे से पूरा घर दब गया और उसमें कैलाश सिंह की पत्नी सहित दो मासूम बच्चे की दबकर मौत हो गई। गुरुवार को लोगों ने एक साथ चार शवों को जलते हुए देख आंखे नम हो गई। लोगों ने बताया कैलाश हर हमेशा सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर भागीदारी करता था, लेकिन उपर वाले को तो कुछ और की मंजूर था। क्षेत्र में जिसमें ने इस घटना के बारे में सुना वह मौके की और दौड़ पड़ा।