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हुड्डी नदी पर हो रहे सुरक्षा निर्माण कार्य को वन विभाग ने रोका

स्ावाद सूत्र बनबसा आनंदपुर और चंदनी गाव को बाढ़ से बचाने के लिए हुड्डी नदी पर किए जा रह

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Mar 2019 10:34 PM (IST)Updated: Sat, 16 Mar 2019 10:34 PM (IST)
हुड्डी नदी पर हो रहे सुरक्षा निर्माण कार्य को वन विभाग ने रोका
हुड्डी नदी पर हो रहे सुरक्षा निर्माण कार्य को वन विभाग ने रोका

स्ावाद सूत्र, बनबसा : आनंदपुर और चंदनी गाव को बाढ़ से बचाने के लिए हुड्डी नदी पर किए जा रहे निर्माण कार्य को वन विभाग ने रोक दिया है। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश छा गया है। ग्रामीणों ने शनिवार को डीएम को ज्ञापन भेजकर जल्द काम शुरू कराने की मांग की। ग्रामीणों ने चेतावनी भी दी कि अगर कार्य जल्द शुरू नहीं कराया गया तो ग्रामीण लोस चुनाव का बहिष्कार करने को बाध्य होंगे।

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गौरतलब है कि एक सप्ताह पूर्व क्षेत्रीय विधायक कैलाश गहतोड़ी ने छह करोड़ रुपये की लागत से हुड्डी नदी के किनारे तटबंध निर्माण और सुरक्षा दीवार के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया। जिसके बाद ठेकेदार ने काम शुरू किया, लेकिन वन विभाग ने कार्य रोककर इस पर अड़ंगा लगा दिया है। ग्रामीणों द्वारा जिलाधिकारी को भेजे गये ज्ञापन में कहा गया है कि आनन्दपुर और चंदनी के पश्चिमि छोर पर बहने वाली हुड्डी नदी हर वर्ष वर्षा काल में बाढ़ के रूप में भयंकर तबाही मचाने के साथ ही भू-कटाव भी करती है। जिससे ग्रामीणों को जानमाल की सुरक्षा का भय बना रहता है। नदी में आने वाली बाढ़ का पानी आनंदपुर सहित बमनपुरी, चंदनी, पचपकरिया गाव में भी भारी तबाही मचाती है। कई वर्षो से प्रशासन से आग्रह करने के बाद गत वर्ष हुड्डी नदी के किनारे 1100 मीटर तटबंध और सुरक्षा दीवार बनाने का कार्य शुरू हुआ। जिस पर वन विभाग ने वनापत्ति लगाते हुए कार्य रूकवा दिया। ज्ञापन भेजने वालों में जनक चंद, बहादुर चंद, कैलाश सिंह, दीपक सिंह, करन चंद, शुभम चंद, खीम खत्री, राजू खत्री, प्रेम चंद देउपा, दिनेश चंद, महेंद्र पाल, हिम्मत चंद, भूपेंद्र सिंह, प्रकाश चंद, ललित चंद, दीपक चंद आदि शामिल रहे। =========

जिस जगह पर कार्य चल रहा है वह वन आरक्षित क्षेत्र है। वन आरक्षित क्षेत्र में कोई भी कार्य बिना अनुमति के नहीं किया जा सकता है। कार्य करने के लिए या तो जिलाधिकारी द्वारा अनुमति पत्र लिखित में प्रदान किया जाए या फिर भारत सरकार अनुमति दे। तभी कार्य होने दिया जाएगा अन्यथा कार्य नहीं कर सकते है।

- बाबूलाल, एसडीओ, वन विभाग


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