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Purnagiri Dham के निकट पूजा सामग्री की दुकान में धधकी आग, तीन मंजिला दुकान खाक; एक घंटे तक श्रद्धालुओं को रोका

Purnagiri Dham मां पूर्णागिरि धाम के निकट पूजा सामग्री की दुकान पर शुक्रवार सुबह अचानक आग धधक गई। स्थानीय दुकानदारों पुलिस कर्मियों ने किसी तरह आग पर काबू पाया। आग बेकाबू होने से करोड़ों में नुकसान हो सकता था।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraPublished: Fri, 19 May 2023 11:36 AM (IST)Updated: Fri, 19 May 2023 11:36 AM (IST)
Purnagiri Dham के निकट पूजा सामग्री की दुकान में धधकी आग, तीन मंजिला दुकान खाक; एक घंटे तक श्रद्धालुओं को रोका
Purnagiri Dham: आग बेकाबू होने से करोड़ों में नुकसान हो सकता था।

टीम जागरण, टनकपुर: Purnagiri Dham: मां पूर्णागिरि धाम के निकट पूजा सामग्री की दुकान पर शुक्रवार सुबह अचानक आग धधक गई। इसके बाद श्रद्धालुओं की आवााजी रोक दी गई। घटना में रमेश तिवारी की तीन मंजिला दुकान जल गई। लकड़ी, तखत, बल्ली, टिनशेड से बनी दुकान में पूजा सामग्री बेचने का अलावा रेस्टोरेंट चलता है। निचले तल में नारियल का गोदाम था। सभी आग की भेंट चढ़ गया।

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शुक्रवार सुबह साढ़े नौ बजे काली मंदिर के पास रमेश तिवारी की दुकान पर अचानक आग भड़क गई। इससे रमेश तिवारी की दुकान नंबर 23 व 24 जल गई। बाद में रसोई गैस सिलिंडर में आग लगने से आ तेज हो गई। आग की लपटें देखकर हड़कंप मच गया।

स्थानीय दुकानदारों, पुलिस कर्मियों ने किसी तरह आग पर काबू पाया। खतरे की संभावना को देखते हुए एक घंटे तक पूर्णागिरि धाम आने वाले श्रद्धालुओं को ककराली गेट से आगे यथा स्थान रोक दिया गया। पूर्णागिरि मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष भुवन पांडेय ने दुकानदार को मुआवजा देने की मांग की है।

आग काबू नहीं होती तो होता बड़ा नुकसान

पूर्णागिरि मार्ग पर बने करीब 200 से अधिक दुकानों पर मंदिर की पूजा सामग्री बेची जाती है। यात्रियों के ठहरने के लिए विश्राम स्थल व रेस्टोरेंट आदि भी बने हुए हैं। सभी दुकानें एक दूसरे से लगी हैं। अधिकांश दुकानें टिनशेड वाली हैं। जिन्हें पोल, तखत, बल्ली आदि से बनाया गया है। आग बेकाबू होने से करोड़ों में नुकसान हो सकता था।

फायर ब्रिगेड पहुंचना संभव नहीं

पूर्णागिरि धाम चोटी पर है। टनकपुर के पास ककराली गेट से भैरव मंदिर तक 21 किमी वाहन से सफर के बाद चार किमी पैदल चढ़ाई चढ़कर मंदिर पहुंचा जा सकता है। भैरव मंदिर से ढाई किमी पहले से पूजा सामग्री, रैन बसेरे, चाय-पानी की दुकानें शुरू हो जाती हैं। ढलान व घुमावदार सड़क काफी संकरी है। जिस कारण यहां कारों व टैक्सियों के अलावा बड़े वाहन नहीं जा सकते। फायर ब्रेगड भी नहीं पहुंच सकती।


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