हादसा नहीं डिगा पाया श्रद्धालुओं की आस्था
संवाद सहयोगी, खटीमा : टनकपुर में बिचई के पास तीन दिन पूर्व हुआ भीषण हादसा भी मां पूणा
संवाद सहयोगी, खटीमा : टनकपुर में बिचई के पास तीन दिन पूर्व हुआ भीषण हादसा भी मां पूर्णागिरि धाम के दर्शन को जाने वाले तीर्थ यात्रियों की आस्था को नहीं डिगा सका है। हादसे के बाद भी प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पैदल जत्थे माता के दरबार में शीश नवाने जा रहे हैं। इनमें से अधिकांश उत्तर प्रदेश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों के रहने वाले हैं।
18 मई की तड़के टनकपुर के बिचई गांव के पास काल बने डंपर ने माता के दरबार में दर्शन को जा रहे 11 श्रद्धालुओं को रौंदकर मौत की नींद सुला दिया। मारे गए सभी श्रद्धालु उप्र के बरेली जिले के नवाबगंज क्षेत्र के बुखारपुरा गांव के रहने वाले थे। बता दें कि देश के 52 शक्तिपीठों में शामिल मां पूर्णागिरि के मंदिर में प्रतिवर्ष होली के बाद ऐतिहासिक मेले का आयोजन होता है, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। तीन दिन पूर्व हुए हादसे के बाद भी धाम पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। रविवार को अवकाश का दिन होने की वजह से सुबह से ही माता के जयकारों के साथ श्रद्धालुओं के जत्थे पूर्णागिरि धाम को रवाना होते रहे। उप्र पीलीभीत के माधोटांडा कलीनगर के कुंवरपुर तालुके गांव के 350 माता के भक्त पैदल जत्थे की शक्ल में धाम को भजन-कीर्तन करते हुए शहर से होकर गुजरे। इसके अलावा बरेली जनपद के बहेड़ी क्षेत्र से भी करीब 150 तीर्थयात्रियों का जत्था पूर्णागिरि धाम को रवाना हुआ। इस दौरान जयकारों से माहौल भक्तिमय हो गया।
इंसेट:
जगबूढ़ा से पुलिस सुरक्षा के बीच रवाना हो रहे तीर्थ यात्री
मां पूर्णागिरि धाम के दर्शन को जाने वाले तीर्थ यात्रियों को ऊधमसिंह नगर व चम्पावत जनपद की सीमा पर स्थित जगबूढ़ा पुल से चम्पावत पुलिस अपनी सुरक्षा व्यवस्था के बीच लेकर जा रही है। इस बीच टनकपुर कोतवाल अरुण कुमार वर्मा ने शनिवार की रात वनखंडी महादेव शिव मंदिर में पड़ाव डालकर रूके तीर्थ यात्रियों को सुरक्षा संबंधी दिशा-निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने रात में यात्रा न करने का अनुरोध किया।