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आसानी से पहुंच वाले विद्यालयों को दुर्गम घोषित न करें

जागरण संवाददाता, चम्पावत : आसानी से पहुंच वाले विद्यालयों को किसी भी दबाव में दुर्गम घोषित न करें

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Mar 2018 06:04 PM (IST)Updated: Sat, 17 Mar 2018 06:04 PM (IST)
आसानी से पहुंच वाले विद्यालयों को दुर्गम घोषित न करें
आसानी से पहुंच वाले विद्यालयों को दुर्गम घोषित न करें

जागरण संवाददाता, चम्पावत : आसानी से पहुंच वाले विद्यालयों को किसी भी दबाव में दुर्गम घोषित न करें। शनिवार को वीसी के माध्यम से जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि जिलाधिकारी आसानी से पहुंच वाले विद्यालयों को बिना किसी दबाव के दुर्गम की परिभाषा से पृथक करें। उन्होंने कहा कि विकासखंड का कोई विद्यालय दुर्गम क्षेत्र में हो तो पूरे विकासखंड को ही दुर्गम घोषित न करें। स्थानांतरण नीति के अंतर्गत दुर्गम एवं सुगम का निर्धारण करते समय विद्यालय की सड़क मार्ग से दूरी, सड़क की स्थिति, चिकित्सालय एवं अन्य सुविधाओं सहित सभी पहलुओं का ध्यान रखें।

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शिक्षा मंत्री ने सभी विद्यालयों में एनसीइआरटी की पुस्तकों की पहुंच सुनिश्चित करने के निर्देश वीसी में दिए। उन्होंने कहा कि पुस्तकों की विद्यालयों में पहुंच से गरीब के पाल्यों को राहत मिलने के साथ पढ़ाई में एकरूपता मिलेगी। उन्होंने सभी विद्यालयों में पुस्तकों की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए उपजिलाधिकारी, तहसीलदार, मुख्य शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक व बेसिक को निरीक्षण हेतु निर्देशित करें। उन्होंने कहा कि विद्यालयो में पुस्तकें न मिलने की शिकायत को गंभीरता से लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ अधिकारियों की नैतिक जिम्मेदारी है प्रत्येक घर में शिक्षा की अलख जगे। वीसी अपर जिलाधिकारी हेमंत कुमार वर्मा ने कहा कि सभी अधिकारियों को जिम्मेदारिया देकर विद्यालयों में पुस्तकों की पहुंच सुनिश्चित की जाएगी।

उन्होंने बताया कि सुगत-दुर्गम के निर्धारण हेतु मानकों का पूरा ध्यान रखने के साथ सभी पहलुओं को भी संज्ञान में लिया जाएगा। वीसी में जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक डीएस राजपूत, खंड शिक्षा अधिकारी बाराकोट महाबीर सिंह, चम्पावत अंशुल बिष्ट, लोहाघाट हरेंद्र शाह, पाटी एके मिश्रा, आपदा प्रबंधन अधिकारी मनोज पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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पाटी व बाराकोट दुर्गम श्रेणी में चिह्नित

चम्पावत : शासन व जिले स्तर से अधिकारियों/कर्मचारियों के वार्षिक स्थानान्तरण किए जाने हेतु जनपद की भौगोलिक परिस्थिति को मध्यनजर रखते हुए सुगम-दुर्गम क्षेत्र का निर्धारण करें। मंगलवार को विकास भवन सभागार में सभी जनपद स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेते हुए मुख्य विकास अधिकारी एसएस बिष्ट ने कहा कि शासन की स्थानांतरण नीति और निर्देशों के अनुपालन में सभी अधिकारी सुगम-दुर्गम का स्पष्ट मनत्व्य प्रस्तुत करें। जिससे क्षेत्रों का निर्धारण कर 31 मार्च तक सूची शासन को भेजी जा सके। बैठक में सामुहिक रूप से अधिकारियों ने एक मत होते हुए सम्पूर्ण जनपद को दुर्गम एवं विकासखंड मुख्यालय पाटी व बाराकोट को दुर्गम तथा विकासखंड मुख्यालय चम्पावत व लोहाघाट को सुगम की श्रेणी प्रदान की। न्याय पंचायतों का निर्धारण करते हुए खर्ककार्की, सिमल्टा, मोहनपुर, कोलीढ़ेक, सजयोरजा, किमतोली, भुमलाई, बाराकोट, बापरू, रैगाव, रौलमेल, कमलेख न्याय पंचायत मुख्यालयों को सुगम तथा चौड़ाकोट, चौड़ा मेहता, देवीधुरा, वल्सों, रौसाल, डुमडई, बसकुनी, स्वाला, जुबरजैनल, बमनजौल, सिमियाउड़ी, सिप्टी न्याय पंचायत को दुर्गम श्रेणी प्रदान की गई। बैठक में न्याय पंचायतों की सभी कच्ची सड़कों से जुड़े एवं सड़क विहीन गावों को दुर्गम की श्रेणी प्रदान की गई। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि सूची को जिलाधिकारी के अनुमोदन के बाद 31 मार्च तक ऑनलाइन कर शासन को प्रेषित किया जाएगा।


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