जयकारों के बीच निकली चमू देवता की रथ यात्रा
संवाद सहयोगी लोहाघाट : नेपाल सीमा से लगे गुमदेश क्षेत्र के प्रसिद्ध चैतोला मेले में सोमवार को गा
संवाद सहयोगी लोहाघाट : नेपाल सीमा से लगे गुमदेश क्षेत्र के प्रसिद्ध चैतोला मेले में सोमवार को गाजे बाजे व गगनभेदी जयकारे के साथ चमू देवता की रथ यात्रा निकाली गई। इससे पूर्व विभिन्न गांवों से परंपरागत परिधान व लाठी डंडों के साथ जत्थों में शामिल रणबाकुरों ने जोशीले अंदाज में वातावरण को भक्तिमय बना दिया। जत्थों के पीछे-पीछे चल रही महिलाओं ने चमू देवता की वीर गाथा पर आधारित गीत गाते हुए रणबाकुरों का उत्साह भी बढ़ाया। सुहावने मौसम के बीच लगभग सैकड़ों श्रद्धालुओं ने मेले में शिरकत कर पुण्य लाभ कमाया।
सोमवार की सुबह से ही चमू देवता मंदिर परिसर में पूजा अर्चना करने वाले भक्तों का ताता लगा रहा। दोपहर बाद मड़ गांव से लगभग 3:25 बजे उठा डोला जमानी गड़ लाया गया। रथ में सवार जगदीश सिंह धामी ने श्रद्धालु को चंवर गाय की पूछ हिलाकर आर्शीवाद दिया। साथ ही विभिन्न गांवों के जत्थे जिंडी, पुल्ला, पोखरी, जाख मडलक, बसकुनी गुरेली के जत्थों ने चमू देवता का रथ रस्सों व कंधों के सहारे देर शाम मंदिर परिसर लाया गया। मंदिर पहुंचे इन जत्थों द्वारा मंदिर की परिक्रमा की। मेला समिति अध्यक्ष शंकर दत्त्त पांडेय ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान चंपावत, लोहाघाट, पिथौरागढ़ टनकपुर, नैनीताल, हल्द्वानी, सहित नेपाल देश के विभिन्न क्षेत्रों हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हुए थे। मेला समिति के उपाध्यक्ष विकास पाटनी, सचिव विनोद सिंह, युगल किशोर, खीम राज धौनी, शंकर सिंह धौनी, नर सिंह, हयात सिंह, मन मोहन सिंह, आंनद सिंह धौनी, सतीश पांडेय, त्रिलोक सिंह, कुंदन सिंह, जोगा सिंह, लक्ष्मण सिंह, राम सिंह, संतोक रावत, चंदन सिंह आदि ने सहयोग किया।
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हाथ जोडे़ व ढुस्कों की दिखी झलक
चैतोले मेले में पुरातन संस्कृति की झलक देखने को मिली। दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों से पहुंचे श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर में हाथ जोड़े, ढस्के, न्यौली, चांचड़ी आदि गीतों का गायन करते हुए आधुनिक पीढ़ी को पुरातन संस्कृति का परिचय दिया। इस दौरान कलाकारों का दर्शकों ने जमकर उत्साहवर्धन किया।
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क्षेत्र के लोगों ने अतिथियों को घरों में कराया भोजन
मेले में पहुंचे अतिथियों व श्रद्धालुओं का परंपरा के तहत पापड़ प्रसाद के साथ स्वागत किया। मेले की विशेषता है कि यहां कोई होटल नही खुलता है। क्षेत्रवासी ने मेला देखने आए श्रद्धालुओं व अतिथियों को अपने घरों में ले जाकर भोजन कराया।
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पुलिस के जवान दिन भर मेले में रहे मुस्तैद
गुमदेश के चमू देवता के दर्शनों के लिए मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। मेले को शांति पूर्वक संपन्न कराने में पुलिस के साथ स्थानीय युवाओं ने महत्वपूर्ण सहयोग किया। दिन भर पुलिस के जवानों ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जगह जगह मुस्तैद रहे।
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महिलाओं ने रण बाकुरों का बढ़ाया उत्साह
जत्थों के साथ शामिल महिलाओं ने वीर रस पर आधारित गीतों का गायन कर रणबाकुरों का जोश बढ़ाया। सोमवार को निकली चमू देवता की की रथ यात्रा नेपाल व भारत से हजारों की संख्या में भीड़ उमड़ आई। नेपाल सीमा क्षेत्र से लगे होने के कारण विदेश मूल के सैकड़ों लोगों ने मेले का आनंद लेकर पुण्य लाभ कमाया।
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स्टालों के माध्यम से लोगों को दी जानकारी
चैतोला मेले में विभिन्न सरकारी विभागों ने स्टाल लगाकर लोगों को केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जन कल्याण कारी योजनाओं की जानकारी दी। समाज कल्याण,बाल विकास, कृषि विभाग, जल संस्थान, विद्युत विभाग सहित कई विभाग के स्टाल लगे ।