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Champawat: माता-पिता से कर्तव्यनिष्ठा की सीख लेकर महिलाओं के लिए समर्पित किया जीवन, उत्थान के लिए नहीं की शादी

Champawat good news- बीएससी (पीसीएम) एमएसी (गणित) में कुमाऊं यूनिवर्सिटी में गोल्ड मेडलिस्ट रही विम्मी जोशी पीसीएस अधिकारी बनने से आर्मी पब्लिक स्कूल पिथौरागढ़ में शिक्षिका थीं और कुछ समय बाद ही वे उसी विद्यालय में प्रधानाचार्य बन गईं।

By vinod chaturvediEdited By: Published: Mon, 03 Oct 2022 10:43 PM (IST)Updated: Mon, 03 Oct 2022 11:21 PM (IST)
Champawat: माता-पिता से कर्तव्यनिष्ठा की सीख लेकर महिलाओं के लिए समर्पित किया जीवन, उत्थान के लिए नहीं की शादी
विम्मी ने महिलाओं के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।

चंपावत [विनय कुमार शर्मा]। जन सेवा करने का जज्बा हो और पेशा भी उसी के अनुरूप मिल जाए तो लक्ष्य आसान हो जाता है। चंपावत जिले में तैनात अपर परियोजना निदेशक विम्मी जोशी का शिक्षिका से पीसीएस अधिकारी बनने के बाद का सफर अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए समर्पित है। मूलरूप से पिथौरागढ़ जनपद के मेलडुंगरी निवासी विम्मी जोशी ने महिलाओं के उत्थान और जन सेवा के जज्बे को बुलंदी तक पहुंचाने के लिए विवाह तक नहीं किया। पीसीएस अधिकारी के रूप में जनता से सीधा जुड़ाव उन्हें उनके उद्देश्य को सफल बना रहा है।

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बीएससी (पीसीएम) एमएसी (गणित) में कुमाऊं यूनिवर्सिटी में गोल्ड मेडलिस्ट रही विम्मी जोशी पीसीएस अधिकारी बनने से आर्मी पब्लिक स्कूल पिथौरागढ़ में शिक्षिका थीं और कुछ समय बाद ही वे उसी विद्यालय में प्रधानाचार्य बन गईं। 

पहले ही प्रयास में हासिल की सफलता

वर्ष 2006 में उन्होंने पीसीएस की परीक्षा दी और पहले प्रयास में ही सफलता अर्जित की। वर्ष 2011 में उन्होंने सहायक परियोजना अधिकारी के पद पर ज्वाइनिंग मिली। सहायक परियोजना निदेशक के रूप में उन्होंने पर्वतीय और मैदानी जिलों में विकास कार्यों को धरातल पर उतार अंतिम पायदान पर खड़ी महिलाओं को लाभ पहुंचाया। उनका यह काम निरंतर जारी है। 

सेवा से आनंद की अनुभूति

विम्मी को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए वर्ष 2019 में दीन दयाल पंचायत सशक्तीकरण राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। वर्ष 2021 में उन्हें सीएम एक्सीलेंट अवार्ड मिल चुका है। विम्मी जोशी का कहना है कि गरीबों की सेवा करने और पात्र लोगों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने में उन्हें आनंद की अनुभूति होती है। 

चंपावत जिले में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को स्वरोजगार से जोडऩे के लिए विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ वे व्यक्तिगत रूप से भी जुटी हुई हैं। जिले में संचालित ग्रोथ सेंटरों से जुड़ी सैकड़ों महिलाएं उनके दिशा निर्देशन में स्वरोजगार कर रही हैं।

माता-पिता से मिली कर्तव्यनिष्ठा की सीख 

एपीडी विम्मी जोशी को कर्तव्यनिष्ठ बनने की सीख उनके माता- पिता ने दी है। उनके पिता पीतांबर जोशी पूर्व सैनिक हैं और माता राधिका जोशी गृहिणी हैं। आज भी वे विम्मी को जन सेवा के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उनका पूरा परिवार शिक्षण के पेशे से जुड़ा हुआ है। बड़ी बहिन कमलेश जोशी, छाेटी बहन खिलु जोशी, राजा जोशी, हिम्मी पुनेठा व भाई राजा जोशी भी शिक्षक हैं।


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