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चम्पावत की स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई

संवाद सहयोगी चम्पावत स्वास्थ्य महानिदेशालय के निर्देश के बाद भी जिले में संबद्ध कार्मिकों का सं

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Sep 2019 10:41 PM (IST)Updated: Thu, 26 Sep 2019 06:34 AM (IST)
चम्पावत की स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई
चम्पावत की स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई

संवाद सहयोगी, चम्पावत : स्वास्थ्य महानिदेशालय के निर्देश के बाद भी जिले में संबद्ध कार्मिकों का संबद्धीकरण समाप्त न करने से कर्मचारी आक्रोशित हो गए।

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इसी माह नौ सितंबर को जारी डीजी के आदेश में कहा गया था कि सभी संबद्ध कर्मचारियों को अक्टूबर माह को वेतन उनके मूल तैनाती स्थल में योगदान देने पर ही आहरित किया जाएगा। आरोप है कि मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा संबद्धीकरण को निरस्त नहीं किया गया। जबकि जिले में अधिकांश संबद्धीकरण सीएमओ स्तर पर ही किए गए हैं। बता दें कि जिले में एक दर्जन से अधिक डॉक्टर मूल तैनाती स्थल से इतर भेजे गए हैं। जिला चिकित्सालय चम्पावत, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लोहाघाट में मानकों के अनुरूप फार्मासिस्टों के सभी पदों में तैनाती है। आश्चर्य की बात यह है कि इन अस्पतालों में भी दूर दराज के फार्मेसिस्टों को संबद्ध किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों के दो उप केन्द्रों के फार्मेसिस्टों को जिला चिकित्सालय और दो को सीएचसी लोहाघाट में संबद्ध किया गया है जिसमें से एक को बाराकोट भेजा गया है। फार्मासिस्टों को संबद्ध किए जाने से ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतर गई हैं। इस संबंध में सीएमओ डॉ. आरपी खंडूरी से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।

महानिदेशलाय के आदेश को ठेंगा दिखा रहे सीएमओ

चम्पावत: सूत्रों के अनुसर सीएमओ ने महानिदेशालय के आदेश को विभिन्न चिकित्सालयों में ई-मेल से भेजकर इतिश्री कर ली। जबकि उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों की पहले से ही चली आ रही बदहाल चिकित्सा सेवा की पूरी जानकारी है।

आंगनबाड़ी केंद्र चनकांडे के फार्मासिस्ट को संबद्ध करने का विरोध

चम्पावत: सीएमओ द्वारा लोहाघाट की ग्राम पंचायत पऊ की फार्मासिस्ट को संयुक्त चिकित्सालय में संबद्ध करने का विरोध किया है। शिक्षा उन्नयन समिति के पूर्व अध्यक्ष आरपी ओली, योगेश ओली, केदार दत्त्त, हरीश कुमार, मुकेश राम ने बताया कि फार्मासिस्ट के संबद्धीकरण से पूरे सुईं क्षेत्र की चिकित्सा व्यवस्था ल ड़खड़ा गई है। शीघ्र फार्मासिस्ट को मूल स्थान पर नहीं भेजा गया तो ग्रामीण आंदोलन शुस् कर देंगे।


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