चिह्नीकरण से वंचित आदोलनकारियों को मिलेगा उनका हक : रावत
चिह्नित राज्य आदोलनकारी समिति ने चिह्निकरण से वंचित आंदोलनकारी को उनका हक दिलाने को मंथन किया।
जासं, चम्पावत : चिह्नित राज्य आदोलनकारी समिति ने चिह्नीकरण से वंचित आंदोलनकारी को उनका हक जरूर दिलाएगी। इस दौरान शहीद होने वाले आदोलनकारियों को न्याय दिलाने तक यह जंग जारी रहेगी। गुरुवार को समिति की बैठक में केंद्रीय अध्यक्ष भूपेंद्र रावत ने यह बात कही।
रावत ने कहा कि अलग राज्य बनने के 20 साल बाद भी शहीदों की भावनाओं के अनुरूप राज्य का निर्माण नहीं हो पाया है। आदोलन के दौरान अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कई आदोलनकारी अभी तक चिन्हित नहीं हो पाए हैं। मुज्जफरनगर, रुड़की और खटीमा के शहीद आदोलनकारियों के परिजन आज अपने हाल में जी रहे हैं। राज्य सरकार की ओर से उनकी कोई सुध नहीं ली जा रही है। राज्य बनने के बाद बारी बारी से भाजपा और काग्रेस सरकारें बना कर मौज काट रही हैं, लेकिन आदोलनकारियों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। संचालन नवीन मुरारी ने की। बैठक में संरक्षक आरएस रावत, भूपेंद्र भंडारी, रमन कुमार, जानकी गोस्वामी, हरिनारायण अग्रवाल, जगदीश जोशी, शकर दत्त पाडेय, पूर्व पालिकाध्यक्ष प्रकाश तिवारी, डीके पाडेय, बसंत तड़ागी, मोहन चौधरी, ललित गोस्वामी, मंदीप ढेक, किशन गिरि आदि आदोलनकारियों मौजूद रहे।