शारदा नदी से उपखनिज न लिए जाने से धरने पर बैठे कारोबारी
टनकपुर में नगर के दोनों स्टोन क्रशर स्वामियों द्वारा शारदा नदी से लाई जा रही खनिज सामग्री नर लिए जाने के विरोण में खनन कारोबारियों ने प्रदर्शन किया।
संवाद सहयोगी, टनकपुर : नगर के दोनों स्टोन क्रशर स्वामियों द्वारा शारदा नदी से लाई जा रही खनिज सामग्री न लिए जाने के विरोध में खनन कारोबारियों ने प्रदर्शन किया। बुधवार को उन्होंने बैराज मार्ग पर स्टोन क्रशर के समीप अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया।
खनन स्वामियों का कहना है कि स्टोन क्रशर मालिकों द्वारा स्टॉक फुल होने की बात कहकर शारदा नदी से लाई जा रही खनन सामग्री को नहीं लिया जा रहा है। जबकि चूका व चल्थी से खनन सामग्री को स्टॉक कर लिया जा रहा है। इधर स्टोन क्रशर द्वारा शारदा नदी से खनन सामग्री न लिए जाने से दूसरे दिन भी खनन निकासी का कार्य बंद रहा। कारोबारियों ने कहा कि जब तक क्रशर में शारदा नदी की खनन सामग्री नहीं ली जाएगी उनका धरना कार्यक्त्रम जारी रहेगा। बताया जा रहा है कि स्टोन क्रशरों द्वारा चल्थी व चूका से आया माल 50 रुपये प्रति क्विंटल खरीदा जा रहा है। जबकि शारदा नदी की खनन सामग्री 60 रुपये प्रति क्विंटल पड़ रही है। इसी कारण क्रशर स्वामी शारदा नदी का माल नहीं ले रहे हैं। धरने में बैठने वालों में यूनियन के अध्यक्ष आनंद सिंह महर, चन्द्र मोहन सिंह, बलवंबत सिंह, रासीद अली, रियासत, राहुल मौर्य, किशन सिंह आदि लोग मौजूद रहे।
------------
आपदा प्रभावित क्षेत्र में रिवर ट्रेनिंग नीति लागू करने पर भड़के ग्रामीण
संवाद सूत्र, धारचूला: आपदा प्रभावित क्षेत्र न्यू सोबला में रिवर ट्रेनिंग नीति के तहत खनन की अनुमति के फैसले से ग्रामीण भड़क गए हैं। ग्रामीणों ने वर्ष 2013 की आपदा का हवाला देते हुए कहा है कि रिवर ट्रेनिंग नीति से गांव को फिर ऐसी आपदा झेलनी पड़ सकती है।
ग्रामीणों ने बुधवार को गांव में खुली बैठक की, जिसमें भेटी तोक में धौली गंगा में रिवर ट्रेनिंग नीति के तहत कराए जाने के फैसले का विरोध किया गया। वक्ताओं ने कहा कि जिस स्थान पर खनन किया जाना है वह बस्ती से मात्र 50 मीटर की दूरी पर है। राष्ट्रीय राजमार्ग भी बेहद नजदीक है। खनन से धौली गंगा का रू ख गांव की ओर हो सकता है। ग्रामीणों ने कहा कि वर्ष 2013 में आई आपदा के दौरान धौली गंगा के उफान पर आ जाने से सैकड़ों नाली भूमि नदी में समाहित हो गई। कई मकान और राष्ट्रीय राजमार्ग आपदा की भेंट चढ़ गया। इस संवेदनशील क्षेत्र में खनन कार्य कराया जाना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। ग्रामीणो ने मांग की कि रिवर ट्रेनिंग कराए जाने का फैसला वापस लिया जाए। फैसला वापस नहीं लिए जाने पर ग्रामीणों ने तहसील मुख्यालय पहुंचकर धरने पर बैठ जाने की चेतावनी दी है।