एंगलिंग परमिट की प्रक्रिया को करें ऑनलाइन
संवाद सहयोगी, चम्पावत : पंचेश्वर के महाशीर संरक्षण गु्रप ने एंगलिंग के लिए मिलने वाले परमिट की जटि
संवाद सहयोगी, चम्पावत : पंचेश्वर के महाशीर संरक्षण गु्रप ने एंगलिंग के लिए मिलने वाले परमिट की जटिल प्रक्रिया के कारण इसे ऑनलाइन करने की मांग करते हुए डीएम व डीएफओ को ज्ञापन सौंपा है।
महाशीर संरक्षण ग्रुप का कहना है एंगलिंग के लिए वन विभाग द्वारा परमिट जारी किया जाता है। जिसकी प्रक्रिया काफी जटिल है। अक्सर बाहर से आए सैलानियों को एंगलिंग के परमिट के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। जिस कारण स्थानीय लोगों के स्वरोजगार पर भी असर पड़ रहा है।
ज्ञापन में कहा गया है एंगलिंग परमिट की जटिल प्रक्रिया के कारण अधिकांश पर्यटक या तो वापस चले जाते हैं या फिर आफिसों के चक्कर काटते रहते हैं। पंचेश्वर में विगत बीस वर्षो से महाशीर संरक्षण ग्रुप द्वारा महाशीर प्रजाति, जल, जंगल एवं वाइल्ड लाइफ को संरक्षित करने का कार्य किया जा रहा है। पंचेश्वर में गोल्डन महाशीर के कारण देश के ही नहीं विदेशों से भी लोग यहां एंगलिंग के लिए आते हैं। जिससे स्थानीय गाइडों, होटल व्यवसायियों, सामान ढ़ोने वाले लोगों का भी रोजगार मिलता है। देशी विदेशी एंगलरों के कारण वन विभाग को प्रतिवर्ष लाखों रुपये का राजस्व प्राप्त होता है। जिसका कुछ प्रतिशत महाशीर संरक्षण कार्यक्रम में खर्च किया जाना चाहिए जो कि नहीं किया जा रहा है। उनका कहना है राशन कार्ड, आधार कार्ड, स्थाई निवास आदि महत्वपूर्ण दस्तावेजों को जन सुविधा के लिए ऑनलाइन किया गया है। लेकिन अभी तक एंगलिंग परमिट को ऑनलाइन नहीं किया जिससे राजस्व की प्राप्ति हो रही है। महाशीर संरक्षण ग्रुप ने बाहर से आने वाले एंगलरों के समय की बचत के लिए परमिट प्रक्रिया को आसान बनाते हुए ऑनलाइन करने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में होशियार सिंह, दिनेश चंद्र पंत, ओमकार सिंह धौनी, श्याम आदि शामिल रहे।