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शारदा नदी किनारे रह रहे 3500 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया

शारदा नदी का जलस्तर बढ़ने से नदी किनारे स्थित शारदा घाट बूम उचौलीगोठ गैंडाखाली व सैलानीगोठ के गांव में भू कटाव से खतरा पैदा हो गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 10:35 PM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 10:35 PM (IST)
शारदा नदी किनारे रह रहे 3500 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया
शारदा नदी किनारे रह रहे 3500 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया

संवाद सहयोगी, टनकपुर : शारदा नदी का जलस्तर बढ़ने से नदी किनारे स्थित शारदा घाट, बूम, उचौलीगोठ, गैंडाखाली व सैलानीगोठ के गाव में भू-कटाव से खतरा पैदा हो गया है। घाट किनारे रह रहे हजारों लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया है। इसको देखते हुए पुलिस प्रशासन की टीम ने सोमवार से मंगलवार शाम तक करीब 3500 लोगों को रेस्क्यू कर होटल, धर्मशालाओं व स्कूलों में ठहराया है। विधायक कैलाश गहतोड़ी द्वारा सभी के खाने की व्यवस्था की गई है। मंगलवार को एसडीएम हिमांशु कफल्टिया, विधायक कैलाश गहतोड़ी, पालिकाध्यक्ष विपिन वर्मा व कोतवाल हरपाल सिंह ने जान जोखिम में डालकर क्षेत्र का निरीक्षण कर व शक्तिमान वाहन से लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। वहीं शारदा नदी का जल स्तर अधिक बढने से उचौलीगोठ के पाच परिवारों को स्कूल में शिफ्ट किया गया है। इधर गैंडाखाली में नेपाल मूल के रहने वाले खड़क सिंह बिष्ट की बूम स्थित मकान का पिछला हिस्सा नदी में समा गया है। हालांकि ग्रामीणों द्वारा बिष्ट का कुछ सामान पूर्व में ही निकाल लिया गया था। वहीं गैंडाखाली, थ्वालखेड़ा व सैलानीगोठ के ग्रामीणों की कई बीघा भूमि नदी में समा गई है। वहीं छीनीगोठ में हुड्डी नदी ने ग्रामीणों के झाले व घर में रखा सारा सामान बर्बाद कर दिया। इधर ग्राम प्रधान पूजा जोशी ने प्रशासन ने पीड़ितों को उचित मुआवजा दिए जाने की माग उठाई है। =========== छीनीगोठ में टिनशेड पर गिरा पेड़, परिवार सकुशल

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टनकपुर : बीती रात्रि छीनीगोठ गाव में एक टिनशेड मकान के ऊपर भारी भरकम पेड़ गिर गया। रात्रि के समय घर में माता-पिता समेत छह लोग सोए हुए थे, जो बाल-बाल बच गए। ग्राम प्रधान पूजा जोशी ने बताया कि हरि सिंह पुत्र जमन सिंह अपने परिवार के साथ रात्रि में छह लोग सोए हुए थे। अचानक पेड़ उनके मकान के ऊपर गिर गया। घर में रखा सारा सामान नष्ट हो गया। उन्होंने बताया कि छीनीगोठ में हुड्डी नदी के कारण कई ग्रामीणों की कई बीघा धान की फसल भी बबार्द हो चुकी है व कई बीघा जमीन नदी में समा गई है।


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