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विद्यालय परिसर में तैयार कर दी फुलवारी

क्वारंटाइन में रह रहे कई प्रवासी क्वारांटाइन समय का सदुपयोग भी कर रहे हैं। चमोली जिले के गैरसैंण के सारिग गांव के प्राथमिक विद्यालय में तीन युवाओं को क्वारंटाइन किया गया। तीनों ने यहां झाड़ियां काटकर फूलों के पौधे रोपे। जिससे विद्यालय साफ-सुथरा नजर आ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 09:54 PM (IST)Updated: Sun, 24 May 2020 06:07 AM (IST)
विद्यालय परिसर में तैयार कर दी फुलवारी
विद्यालय परिसर में तैयार कर दी फुलवारी

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: क्वारंटाइन में रह रहे कई प्रवासी क्वारांटाइन समय का सदुपयोग भी कर रहे हैं। चमोली जिले के गैरसैंण के सारिग गांव के प्राथमिक विद्यालय में तीन युवाओं को क्वारंटाइन किया गया। तीनों ने यहां झाड़ियां काटकर फूलों के पौधे रोपे। जिससे विद्यालय साफ-सुथरा नजर आ रहा है।

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लॉकडाउन में अपने गांव वापस लौटे प्रवासियों को भले ही गांव के क्वारंटाइन सेंटर में रहना अखर रहा हो। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने क्वारंटाइन अवधि में अनुकरणीय कार्य कर उदाहरण प्रस्तुत किया है। तीनों दोस्त हिमाचल प्रदेश में रोजगार के लिए गए थे। कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन के कारण इन्हें अपने गांव लौटना पड़ा। इन तीनों को गांव के प्राथमिक विद्यालय में क्वारंटाइन किया गया है। तीनों युवा संजय सिंह, वीरेंद्र सिंह और खीम सिंह ने इस एकांतवास के समय को बेहतर ढंग से गुजारने का मन बनाया। उन्होंने देखा प्राथमिक विद्यालय दो माह से बंद है, उसके चारों ओर झाडियां उग आई हैं। विद्यालय में बनी फुलवारी भी बिना पानी के सूखने लगी है। ऐसे में तीनों ने मिलकर एकांतवास अवधि का सदुपयोग करते हुए विद्यालय की तस्वीर बदल डाली। पौधरोपण भी किया और विद्यालय की फुलवारी में सुबह, शाम पानी से देकर सूखने से बचाया। दीवारों पर पेंटिग कर उनको सजाने संवारने का काम भी किया। ग्राम प्रधान ऊषा गुसाईं और राजकीय प्राथमिक विद्यालय सारिगं गाव की अध्यापिका अल्पना नेगी जब क्वारंटाइन में रह रहे युवाओं का हालचाल जानने के लिए विद्यालय में पहुंची तो विद्यालय की तस्वीर को देखकर हतप्रभ हो गई। उन्होंने तीनों लोगों की प्रशंसा करते हुए कहा कि तीनों ही युवा अन्य लोगों के लिए उदाहरण प्रस्तुत किया है।


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