जंगली जानवरों की दस्तक वन विभाग बना लापरवाह
सिमली : विकासखंड कर्णप्रयाग के ग्रामीण अंचलों में जंगली जानवरों का आतंक बरकरार है। सालों
सिमली : विकासखंड कर्णप्रयाग के ग्रामीण अंचलों में जंगली जानवरों का आतंक बरकरार है। सालों से बंदर और सुअर किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाते आ रहे हैं। लेकिन वन विभाग और प्रशासन चुप्पी साधे है।
ग्रामीण राजेंद्र प्रसाद, संतोष खंडूड़ी, रविंद्र प्रसाद, बलवीर लाल का कहना है कि क्षेत्र के सिमली, राडखी, मजियाडी, सेनू, चमोला, गैरोली, मठोली, रतूड़ा, बणगांव, चूलाकोट, धारकोट, घंडियाल, बैनीताल, ऐरवाडी, चूला-गबनी, खोला, डिम्मर आदि गांवों सहित कपीरी व चांदपुर पट्टी में सालों से बंदर व जंगली सुअरों का आतंक है। बंदर और जंगली सुअर किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। लेकिन वन विभाग इस ओर लापरवाह बना हुआ है। वहीं गुलदार व भालू की धमक से ग्रामीण शाम होते ही घरों में दुबकने को विवश हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गुलदार दिनदहाड़े गांव की सीमा से लगे जंगलों में घूम रहे हैं, जिससे महिलाओं का जंगल से चारापत्ती लाना खतरे से खाली नहीं है। वहीं स्कूली बच्चों में भी दहशत का माहौल है। इसी तरह नगर क्षेत्र कर्णप्रयाग व गौचर में उत्पात मचाते बंदरों से निजात के लिए पालिका व वन विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। उत्पाती बंदर आए दिन मठ-मंदिरों में दर्शन को जाने वाले श्रद्धालुओं पर झपट रहे हैं। (संसू)