लापता विदेशी पर्वतारोही को खोजने में मौसम बना बाधक, एवलांच के बाद हुआ था गायब
विदेशी ट्रैकर की खोजबीन कर रहे दल को मौसम की खराबी का सामना करना पड़ा। दल का हेलीकॉप्टर लैंड नहीं कर पाया।
गोपेश्वर(चमोली), जेएनएन। लापता विदेशी ट्रैकर की खोजबीन कर रहे दल को मौसम की खराबी का सामना करना पड़ा। दल का हेलीकॉप्टर लैंड नहीं कर पाया। पैदल रास्ते आगे बढ़ रहा रेस्क्यू दल भी अभी बेस कैंप में ठहरे पर्वतारोहियों तक नहीं पहुंच पाया। सुबह तक इनके पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है।
छह सदस्यीय विदेशी पर्वतारोही दल चमोली जिले में त्रिशूल पर्वत के आरोहण के लिए निकला है। इनमें हंगरी निवासी पर्वतारोही पीटर विटेक लापता चल रहा है। त्रिशूल माउंट-टू बेस कैंप में ठहरे उसके साथियों ने तीन रोज पहले किसी तरह चमोली जिला प्रशासन तक यह खबर पहुंचाई।
लापता ट्रैकर और बेस कैंप में ठहरे उसके साथियों की तलाश में एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिवादन बल) का विशेषज्ञ दल पैदल रास्ते आगे बढ़ रहा है। अभी तक यह दल बेस कैंप तक नहीं पहुंच पाया। चमोली के पुलिस अधीक्षक यशवंत चौहान ने बताया कि सुबह सेटेलाइट से एसडीआरएफ के दल के संपर्क होने पर वस्तुस्थिति का पता चलेगा।
उन्होंने बताया कि दोपहर वायुसेना और एसडीआरएफ जवानों ने लापता पर्वतारोही की तलाश में हेली रेस्क्यू शुरू किया। दल ने रेकी के लिए दोपहर गौचर हवाई पट्टी से उड़ान भरी, लेकिन मौसम की खराबी की वजह से दल का हेलीकॉप्टर घटनास्थल के आसपास लैंड नहीं कर पाया। ट्रैकर्स दल के जिन पांच सदस्यों के बेस कैंप में मौजूद होने की बात कही जा रही है, उनसे पूरे दिन संपर्क नहीं हो पाया और न ही उनकी तरफ से कोई संदेश प्रशासन को मिला।
एसपी ने बताया कि वीरवार को एसडीआरएफ जवानों के बेस कैंप पहुंचने पर सही स्थिति का पता चल पाएगा। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि रैस्क्यू के लिए गई एनडीआरएफ की टीम को वापस बुला लिया गया है।
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