Move to Jagran APP

दो किमी का सफर तय कर गदेरे से लाना पड़ रहा है पीने का पानी

चमोली जिले के देवाल में लोगों को पीने के पानी की किल्लत हो रही है। आलम ये है कि ग्रामीण दो किलोमीटर का सफर तय कर गदेरे से पानी लाना पड़ रहा है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 02 Sep 2018 09:02 PM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 09:18 AM (IST)
दो किमी का सफर तय कर गदेरे से लाना पड़ रहा है पीने का पानी
दो किमी का सफर तय कर गदेरे से लाना पड़ रहा है पीने का पानी

चमोली, [जेएनएन]: देवाल बाजार में बीते सप्ताहभर से जारी पेयजल किल्लत से उभोक्ता परेशान हैैं। लेकिन जल संस्थान टैंकरों से पेयजल सप्लाई का दावा कर योजना की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं कर पाया है। इस वजह से उपभोक्ताओं को दो किमी पैदल चलकर नर्मनौला गदेरे पीने का पानी ढोना पड़़ रहा है। 

loksabha election banner

ग्रामीण हेमचंद्र, प्रताप सिंह ने कहा कि सप्ताहभर पूर्व देवाल बाजार के पांच हजार से अधिक की आबादी को गमलीगाड़ योजना से आपूर्ति होती थी। लेकिन बेराधार मोटर मार्ग पर हुए भूस्खलन से पाईप लाईन क्षतिग्रस्त हो गई थी। जिससे मुख्य बाजार सहित समीपवर्ती उपभोक्ता बरसात में पानी के लिए भटक रहे हैं। जल संस्थान के सहायक अभियंता यशपाल सिंह ने कहा कि जल्द ही योजना पर वैकल्पिक व्यवस्था कर पानी आपूर्ति सुचारू कर दी जाएगी। लगातार हो रही बारिश से विकासखंड कर्णप्रयाग में पेयजल योजनाओं के क्षतिग्रस्त होने का क्रम जारी है रात्रि हुई बारिश के चलते तोली-परकंडा-चूला पेयजल योजना के भूस्खलन से टूटने से लोगों को परेशानी हो रही है।

ग्रामीण हयात सिंह, पुष्कर सिंह ने बताया कि क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से दो दशक पूर्व बनी तोली-परकंडा-चूला पेयजल योजना कई स्थानों पर भूस्खलन होने से टूट गई है। जिससे आधा दर्जन से अधिक गांवों चूला, गबनी, मठकांडी, काकडधार, दियूणी, नागधार आदि  में पानी आपूर्ति ठप हो गई है। उपभोक्ताओं ने कहा कि पेयजल योजना पर पाई न आने से अब दो किमी दूर लंबी दौड़ लगानी पड़ रही है। जलसंस्थान के अवर अभियंता जेएस बिष्ट ने बताया कि विकासखंड कर्णप्रयाग अंर्तगत अब तक आठ से अधिक पेयजल योजनाओं को बारिश व भूस्खलन से नुकसान पहुंचा है और पेयजल योजनाओं की मरम्मत को इस्टीमेट बनाकर प्रशासन को भेज दिया गया है।

यह भी पढ़ें: वाहन चालकों ने निजाम को दिखाया आइना, श्रमदान कर भर दिए सड़क के गड्ढे

यह भी पढ़ें: यहां महिलाओं ने नहर की मरम्मत कर पहुंचाया पानी, तब हुई धान की रोपाई

यह भी पढ़ें: यहां के युवाओं ने गांव की प्यास बुझाने के लिए पहाड़ को दी चुनौती


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.