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गोपेश्वर में दो दिनों से पानी को हाहाकार

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: गोपेश्वर नगर में दो दिन से पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। नगर की

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Aug 2018 03:01 AM (IST)Updated: Wed, 22 Aug 2018 03:01 AM (IST)
गोपेश्वर में दो दिनों से पानी को हाहाकार
गोपेश्वर में दो दिनों से पानी को हाहाकार

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: गोपेश्वर नगर में दो दिन से पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। नगर की 18 हजार आबादी को अभी एक और हफ्ते तक पानी मिलने की उम्मीद नहीं है। दरअसल निगम के पास एक सौ मीटर पाइप नहीं है, जिसके कारण देवलधार में क्षतिग्रस्त पेयजल योजना पर पाइप नहीं लग पा रहा है। निगम के अधिशासी अभियंता के मुताबिक देहरादून से पाइप मंगाए गए हैं। पाइप आने व पेयजल लाइन की मरम्मत में एक सप्ताह का समय लग सकता है। साफ है कि निगम की लापरवाही से उपभोक्ताओं को पहली बार इतने लंबे समय तक पानी के लिए भटकना पड़ेगा।

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चमोली के जिला मुख्यालय गोपेश्वर में दो दिन से पानी नहीं आ रहा है। असल में गोपेश्वर व बैरागना के बीच देवलधार गांव के निकट दो दिन पूर्व भूस्खलन के चलते 100 मीटर पेयजल योजना क्षतिग्रस्त हो गई थी। दो दिन तक तो विभागीय अधिकारी सोए रहे। अब जाकर पेयजल निगम ने देहरादून से पाइप मंगाए हैं। बताया गया कि पाइप आने व क्षतिग्रस्त पेयजल योजना की मरम्मत में कम से कम एक सप्ताह का समय लग सकता है। साफ है कि नगर के लोगों को एक सप्ताह तक पानी के लिए जगह-जगह भटकना पड़ेगा। यह पहली बार है जब इतने लंबे समय तक लोगों को अपनी प्यास बुझाने के लिए लंबी दौड़ लगानी होगी। बताते चलें कि पेयजल विभाग के पास पेयजल योजना क्षतिग्रस्त होने के दौरान टैंकरों की व्यवस्था है। विभाग के कार्यालय के आगे टैंकर पड़े हुए हैं। मगर पेयजल वितरण को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे लोगों में आक्रोश है।

फिल्टर सिस्टम भी नहीं आया काम

पेयजल निगम ने नगर के लिए निर्मित अमृतगंगा पेयजल योजना पर हाल ही में तीन लाख से अधिक लागत खर्च कर मुख्य स्त्रोत पर फिल्टर सिस्टम लगाया था। फिल्टर सिस्टम लगने के बाद भी नगर में दूषित पानी की सप्लाई हो रही थी। इस मामले में भी पेयजल निगम के कार्यों पर जनप्रतिनिधियों ने सवाल उठाए थे। मगर अभी तक फिल्टर सिस्टम निर्माण के कार्यों को लेकर भी प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

पेयजल निगम प्रतिवर्ष योजनाओं की मरम्मत व नई योजना के निर्माण के नाम पर करोड़ों रुपये का बजट फूंकता है। अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए कि वह जनता को समय पर पेयजल आपूर्ति कराए। पेयजल निगम की कार्यप्रणाली पहले से ही संदेहास्पद रही है। प्रशासन को भी पेयजल निगम की इस लापरवाही पर जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

विकास जुगरान, पूर्व सांसद प्रतिनिधि

विभाग को 100 मीटर पाइप की जरुरत है। इस समय उपलब्ध नहीं है। देहरादून से पाइप मंगाए गए हैं। पेयजल योजना सुचारु होने में एक सप्ताह का समय लग सकता है।

वीके जैन, अधिशासी अभियंता पेयजल निगम, गोपेश्वर


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