झमाझम बारिश के बाद भी पानी का संकट
संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग: नगर क्षेत्र कर्णप्रयाग में जलसंस्थान की लापरवाही उपभोक्ताओं की सेहत पर
संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग: नगर क्षेत्र कर्णप्रयाग में जलसंस्थान की लापरवाही उपभोक्ताओं की सेहत पर भारी पड़ रही है। छह दशक से नगरवासियों की प्यास बुझा रहे स्रोत घटगाड़ गदेरे में बारिश के कारण चौंडली मोटर मार्ग का मलबा मिल गया है, जिससे उपभोक्ताओं को मिट्टीयुक्त पानी पीना पड़ रहा है। यही नहीं, नई लिफ्ट पेयजल योजना विद्युत आपूर्ति ठप रहने से शोपीस बनकर रह गई है।
दो दिनों से जारी बारिश के बाद अपर बाजार सहित मुख्य बाजार में मिट्टीयुक्त पानी की आपूर्ति क्षेत्रवासियों के लिए सिरदर्द बनी है। व्यापारी हैंडपंप के सहारे किसी तरह पानी जुटा रहे हैं, हालांकि जनरेटर की वैकल्पिक व्यवस्था है, लेकिन एक वर्ष बाद भी इसे संचालित नहीं किया जा सका है। इससे करोड़ों रुपये की योजना सफेद हाथी बनकर रह गई है।
दरअसल, नगर पालिका क्षेत्र कर्णप्रयाग की दस हजार से अधिक की आबादी के लिए साठ के दशक में बनाई पेयजल योजना घटगाड़ पर जलस्तर घट गया है। इसे देखते हुए क्षेत्रवासियों की मांग पर 9.46 लाख रुपये की लिफ्ट पेयजल योजना बनाई गई। छह किलोमीटर दूर कालेश्वर अलकनंदा तट पर बनी इस योजना से पिछले वर्ष जलापूर्ति शुरू हुई, लेकिन पेयजल लाइन भूमिगत नहीं हो सकी है, जबकि योजना के तहत राजनगर में बने 500 केएल का टैंक नगरवासियों के हलक तर करने में नाकाम रहा है। वार्ड सभासद कैलाश जोशी, मनोज कुमार और उमेश सेमवाल ने कहा कि यह हालत ठंड के मौसम में है। यदि ग्रीष्मकाल में यही स्थिति रही, तो पानी संकट से निजात को जलसंस्थान के पसीने छूट सकते हैं।
संस्थान कर्मियों की मानें तो विद्युत सप्लाई बाधित होने से पानी की समस्या बनी है। दूसरी ओर, वैकल्पिक व्यवस्था होने के बाद भी जलसंस्थान जनरेटर सुचारु नहीं कर पाया, जिससे मंगलवार व बुधवार को मुख्य बाजार के उपभोक्ताओं को पानी के लिए भटकना पड़ा। इसी तरह नगर के अपर बाजार में अस्पताल परिसर सहित एक हिस्से में दूषित पानी की आपूर्ति से तिमारदार और उपभोक्ता परेशान हैं। जल संस्थान के अवर अभियंता डीसी पुरोहित ने कहा कि कर्णप्रयाग में लिफ्ट पेयजल योजना निर्माण से काफी हद तक पेयजल संकट से निजात मिल गई है, लेकिन बिजली जाने पर पानी की समस्या पैदा हो जाती है। अपर बाजार तहसील वार्ड में फिल्टर लगाने के लिए शासन को 50 लाख रुपये का इस्टीमेट भेजा गया है। 19 लाख रुपये की स्वीकृति मिलने पर पेयजल लाइन बिछाने का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।