खेल मैदान बनाकर मां बनाएंगी भविष्य के खिलाड़ी
एक ओर जहां भारत के खिलाड़ी ओलिंपिक में देश का परचम लहरा रहे हैं।
देवेंद्र रावत, गोपेश्वर
एक ओर जहां भारत के खिलाड़ी ओलिंपिक में देश का परचम लहरा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभाएं सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ रही है। लेकिन, कहते हैं न कि अगर हिम्मत हो तो हर कोशिश रंग लाती है। सोमवार को विकासखंड घाट में कनोल गांव के ग्रामीणों ने जब अपने बच्चों के लिए खेल मैदान बनाने को हाथ में कुदाल और फावड़े उठाए तो हर मुश्किल आसान होती दिखी। खास बात यह कि बड़ी संख्या में बच्चों की माताएं भी श्रमदान में शामिल रही। ग्रामीणों ने खेल मैदान की आवश्यकता के लिए शासन-प्रशासन से कई बार पत्राचार भी किया, लेकिन कोशिशें परवान नहीं चढ़ी। लिहाजा उन्होंने खेल मैदान बनाने की ठानी।
चमोली जिले के ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, लेकिन संसाधनों की कमी हर बार आड़े आ जाती है। विकासखंड घाट स्थित कनोल गांव की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। सड़क से 12 किमी पैदल चलकर कनोल पहुंचा जा सकता है। जूनियर हाईस्कूल और इंटर कालेज भी तीन से चार किमी दूर हैं। लेकिन, जिलास्तरीय प्रतियोगिता में जब गांव के कई बच्चों ने दौड़ समेत अन्य खेलों में दमखम दिखाया तो संसाधनों की कमी बौनी नजर आने लगी। लिहाजा ग्रामीण खुद खेल मैदान बनाने में जुट गए।
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धूल फांक रहे 100 से अधिक प्रस्ताव
खेल मैदान के लिए सरकार ने ऐसी शर्ते रखी हैं, जो फिलहाल तो ग्रामीणों के बस से बाहर हैं। जिले में 100 से अधिक प्रस्ताव जिला स्तर पर युवा कल्याण विभाग के कार्यालय में धूल फांक रहे हैं। चमोली जिले में अभी पोखरी व गोपेश्वर में दो ही खेल मैदान हैं।
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प्रतिदिन हर परिवार से शामिल होगा एक सदस्य
कनोल गांव के महेंद्र सिंह बताते हैं, भूमि गांव के पास उपलब्ध है। क्षेत्र बहुत बड़ा है और गांव की जनसंख्या भी दो हजार से अधिक है। लेकिन, शासन प्रशासन उनकी मांग को अनसुना कर रही है। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन हर परिवार से एक व्यक्ति श्रमदान में शामिल हो रहा है । बारी-बारी से ग्रामीण इस कार्य में सहयोग दे रहे हैं।
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जिले में वर्तमान में 100 से अधिक मिनी स्टेडियम के प्रस्ताव आए हैं। जो प्रस्ताव आते हैं, उन्हें 10 बिंदुओं को पूरा करना होता है। जो ग्राम सभा उन सभी शर्तों को पूरा करने के बाद प्रस्ताव भेजती है तो विभाग की ओर से प्रस्ताव शासन को भेजे जाते हैं। शासन स्तर पर जब भी बजट का प्राविधान हो जाता है तो निर्माण कार्य शुरू किया जाता है।
आनंद सिंह नयाल, खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी चमोली
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यह हैं मिनी स्टेडियम के लिए शर्ते
- 120 गुणा 80 मीटर भूमि उपलब्ध हो
- क्षेत्र में एथलेटिक्स और कुश्ती को लेकर खिलाड़ियों में रुचि।
- प्रस्तावित क्षेत्र के आसपास प्राइमरी, जूनियर, हाईस्कूल, इंटर कालेज है और कितनी दूरी पर है।
- प्रस्तावित स्थान और विद्यालय का है तो अनापत्ति प्रमाण पत्र।
- भूमि अगर ग्राम पंचायत की है तो युवा कल्याण विभाग के नाम करवाया जाना अनिवार्य।
- क्षेत्र में नियमित खेल कोन-कौन से हैं और खिलाड़ियों की रुचि।
- प्रस्तावित भूमि से तहसील और जिला मुख्यालय की दूरी।
- प्रस्तावित भूमि तक आवाजाही के लिए पक्की सड़क और आवागमन साधन का विवरण।
- प्रस्तावित भूमि का रकवा एकड़ में दिया जाए।
- प्रस्तावित भूमि पर जलभराव तो नहीं। मिट्टी भराव व समतलीकरण के लिए धनराशि का उल्लेख किया जाना आवश्यक।