खुरपका से निजात दिलाने के लिए लगेंगे शिविर
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत पशुपालन विभाग की ओर से गोवंशीय ए
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत पशुपालन विभाग की ओर से गोवंशीय एवं महिषवंशीय पशुओं में खुरपका-मुंहपका रोग नियंत्रण कार्यक्रम के चौथे चरण की शनिवार से शुरुआत हुई।
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने जिला मुख्यालय से पशुओं के एफएमडी टीकाकरण के लिए रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। जिलाधिकारी ने सभी गोवंशीय पशुओं का टीकाकरण कराने के साथ ही खुरपका-मुंहपका रोग से ग्रसित पशुओं का भी उपचार कराने के निर्देश मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को दिए। उन्होंने कहा कि जहां पर भी पशुओं में इस तरह की बीमारी है, वहां पर फील्ड में कार्यरत पशु चिकित्सा अधिकारी तत्परता के साथ इस संक्रमित रोग का उपचार करें। उन्होंने कहा कि दुधारू पशु स्वस्थ रहेंगे तो पशुपालकों को दुग्ध उत्पादन से इसका लाभ मिलेगा। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. शरद भंडारी ने बताया कि चतुर्थ चरण के तहत सभी गोवंशीय पशुओं का एफएमडी टीकाकरण 22 सितंबर से 21 अक्टूबर तक किया जाना है। उन्होंने कहा कि इस टीकाकरण में चार माह से कम आयु वर्ग एवं आठ माह से ऊपर की गर्भित मादाओं को छोड़कर अन्य समस्त दुधारू पशुओं में किया जाना है। उन्होंने कहा कि खुरपका मुंहपका रोग के संक्रमण में आने से पशु को तेज बुखार हो जाता है। बीमार पशु के मुंह, मसूड़े, जीभ के ऊपर नीचे ओंठ के अंदर का भाग एवं खुरों के बीच की जगह पर छोटे-छोटे दाने जो बाद में जख्म में परिवर्तित हो जाते हैं। इससे पशुओं को अत्यधिक कष्ट होता है और दुधारू पशु के दूध देने की क्षमता बहुत कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि पशुओं के इस रोग से संक्रमित होने से पहले टीकाकरण बहुत फायदेमंद होता है।