भारत-चीन सीमा पर नीति घाटी के हजारों गांवों में जल्द घनघनाएंगे फोन, योजना पर काम शुरू
नीती घाटी आजादी के सात दशक बाद मोबाइल की घंटी बजने वाली है। इसके लिए जियो कंपनी ने नीती घाटी में दस टावरों का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है।
जोशीमठ(चमोली), जेएनएन। चीन सीमा तक सड़क पहुंचाने के बाद भारत अब सीमावर्ती क्षेत्रों में संचार नेटवर्क को मजबूत करने की कवायद में जुट गया है। इसके तहत जियो कंपनी की ओर से नीती घाटी में दस टावर लगाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। उम्मीद है कि दो माह के भीतर टावरों का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद नीती घाटी 4-जी नेटवर्क से जुड़ जाएगी।
संचार क्रांति के इस दौर में भी भारत-चीन सीमा पर स्थित नीती घाटी के दर्जनों गांव संचार सेवाओं से अछूते हैं। इन गांवों के ग्रामीणों को संचार सेवा के लिए ब्लॉक मुख्यालय जोशीमठ की दौड़ लगानी पड़ती है, जो कि नीती घाटी से 75 किमी दूर है। लेकिन, अब घाटी के लोगों में 4-जी सेवा को लेकर खासा उत्साह है।
बीते वर्ष ग्रामीणों ने तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत से मुलाकात कर घाटी को संचार सेवा से जोडऩे की मांग की थी। ग्राम प्रधान कागा गरपक और प्रधान संघ के जिला महामंत्री पुष्कर सिंह राणा ने बताया कि आजादी के बाद से नीती घाटी में संचार सुविधा नहीं थी।
यह भी पढ़ें: coronaivrus: 314 ग्राम पंचायतों में क्वारंटाइन पर उठ रहे हैं सवाल, जानिए वजह
उधर, जियो कंपनी के सिविल इंजीनियर आशुतोष बिष्ट ने बताया कि नीती घाटी में कंपनी की ओर से सुकी, तोलमा व जुम्मा में 4-जी टावरों का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। बताया कि घाटी में कुल दस टावर लगाए जाने हैं। उम्मीद है कि अगले दो माह के भीतर घाटी में संचार सेवा शुरू हो जाएगी।