चमोली में ऋषिगंगा के ऊपर ग्लेशियर से कोई खतरा नहीं, पढ़िए पूरी खबर
इंटरनेट मीडिया पर चमोली जिले की नीती-मलारी घाटी में ऋषिगंगा नदी के उद्गम की ओर ग्लेशियर में दरार आने संबंधी बात प्रचारित हो रही है। दावा किया जा रहा कि रैणी के ग्रामीणों ने गांव की ऊपरी इलाके में जाकर ऋषिगंगा नदी के जलागम क्षेत्र में स्वयं ये दरार देखीं।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर(चमोली)। इंटरनेट मीडिया पर चमोली जिले की नीती-मलारी घाटी में ऋषिगंगा नदी के उद्गम की ओर ग्लेशियर में दरार आने संबंधी बात प्रचारित हो रही है। दावा किया जा रहा कि रैणी के ग्रामीणों ने गांव की ऊपरी इलाके में जाकर ऋषिगंगा नदी के जलागम क्षेत्र में स्वयं ये दरार देखीं। उधर, जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए किसी भी तरह के खतरे से साफ इंकार किया है।
बीती सात फरवरी को ऋषिगंगा नदी के जलागम क्षेत्र में हिमखंड टूटने से आए सैलाब ने रैणी व तपोवन क्षेत्र में भारी तबाही मचाई थी। इस आपदा में ग्रामीणों समेत ऋषिगंगा जल विद्युत परियोजना और विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना पर काम कर रहे 205 लोग लापता हो गए थे। यही नहीं, ऋषिगंगा नदी पर बनी परियोजना का तो नामोनिशान ही मिट गया था, जबकि विष्णुगाड परियोजना को भारी नुकसान पहुंचा था। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी ने कहा कि अब इसी क्षेत्र के ऊपर ग्लेशियर में दरार आने की बात इंटरनेट मीडिया पर प्रचारित हो रही है। जो कि पूरी तरह निराधार है और खतरा जैसी भी कोई बात नहीं है। कहा कि ऋषिगंगा नदी के जलस्तर पर नजर रखने के लिए वहां राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) तैनात है। जिससे लगातार अपडेट मिलता रहता है।
---------------------------------
भंकोली गांव में भूस्खलन से कई मकानों को खतरा
पिछले दिनों हुई भारी बारिश से नौगांव विकासखंड के भंकोली गांव में कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है। जिससे कई मकान और संपर्क मार्ग को खतरा बना हुआ है। इसको लेकर जिला पंचायत सदस्य दलवीर सिंह चंद ने खंड विकास अधिकारी नौगांव को पत्र भेजकर सुरक्षात्मक कार्य करने की मांग की है। दलवीर सिंह चंद ने कहा कि गत 20 मई को हुई भारी बारिश से भंकोली गांव में संतु लाल, गुदरिया लाल, डब्बलू लाल के आवासीय मकान के ऊपर भूस्खलन हुआ है। जिससे मकानों को खतरा बन गया है। गिरधारी लाल, कृपालाल, बिनू लाल, संदीप, अमर सिंह राणा आदि के घरों को भी खतरा बना हुआ है।
यह भी पढ़ें-चमोली में धौली गंगा का जलस्तर बढ़ा, मलारी घाटी में झूलापुल क्षतिग्रस्त
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें