बरात घर के ध्वस्तीकरण पर ग्रामीणों ने उठाया सवाल
-अनुपयोगी साबित हो रहे निर्माण कार्यो की जांच के बाबत पत्र राज्यपाल को किया प्रेषित -फोट
संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग: नगर पालिका कर्णप्रयाग अंतर्गत नैनीसैंण मोटर मार्ग पर लाखों रुपये की लागत से बने बरात घर के ध्वस्तीकरण प्रक्रिया पर ग्रामीणों ने सवाल खड़ा किया है। स्थानीय निवासियों ने अनुपयोगी साबित हो रहे निर्माण कार्यो की जांच की मांग की है। उन्होंने इस बाबत राज्यपाल को पत्र भी प्रेषित किया।
पूर्व सभासद मोहन लाल, सच्चिदानंद पाटिल, सोहन लाल, संदीप, अनिता नेगी, जितेन्द्र कुमार ने इस आशय का ज्ञापन उपजिलाधिकारी कर्णप्रयाग के माध्यम से प्रदेश के राज्यपाल को प्रेषित किया है। इन लोगों ने आरोप लगाया है कि पालिका द्वारा वर्ष 2004-2005 में तैयार 20 लाख रुपये से अधिक की लागत से तैयार बरात घर को यह कह कर ध्वस्त किया जा रहा है कि वह भू स्खलित जोन में है, और उसकी दीवारों पर दरारें आ गयी हैं। जन हानि की संभावना थी, लेकिन इसके उलट वर्ष 2016 में थोड़ी सी बारिश में आइटीआइ की पहाड़ी से बरसाती मलबा लोगों के आवासीय भवनों में घुस आया था जिससे अफरा-तफरी मच गई थी। ऐसे प्रभावित भवन स्वामियों की सुरक्षा के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नही किए जा सके हैं। जबकि इस संबंध में पूर्व विधायक सहित मुख्यमंत्री से पत्राचार कर प्रभावितों ने विस्थापन की मांग उठाई थी। पूर्व सभासद मोहन लाल का कहना है कि लैंडस्लाइड जोन जहां बरातघर निर्मित किया गया वहां आज भी कई आवासीय भवन हैं, जो हर समय भूस्खलन की जद में है। बावजूद इसके उनके विस्थापन की कोई कार्ययोजना प्रशासन व पालिका तैयार नहीं कर सकी है। स्थानीय प्रशासन के निरीक्षण उपरांत भूस्खलित की जद में आए बरातघर के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया पूरी की गई है, भविष्य में पंचपुलिया के समीप बस स्टैंड के समीप दोमंजिले में बरातघर का निर्माण प्रस्तावित है और भूस्खलन की जद में आने वाले भवनों के विस्थापन की प्रक्रिया प्रशासन के निर्देश पर संभव होगी।
आरएस राणा, अधिशासी अधिकारी नगरपालिका कर्णप्रयाग