कुबेर मंदिर चौक में दस दिवसीय जांती मेला शुरू
श्री बदरीनाथ धाम की शीतकालीन पूजा स्थली पांडुकेश्वर के कुबेर मंदिर चौक पर दस दिवसीय जांती मेला शुरू हो गया है।
संवाद सूत्र, पांडुकेश्वर: श्री बदरीनाथ धाम की शीतकालीन पूजा स्थली पांडुकेश्वर के कुबेर मंदिर चौक पर दस दिवसीय जांती मेला शुरू हो गया है। इस धार्मिक मेले में पूजा-अर्चना के लिए पहले दिन श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुंभ व अर्द्धकुंभ मेले के दौरान ही पांडुकेश्वर गांव में जांती मेले का आयोजन किया जाता है। इस धार्मिक मेले की खासियत यह है कि आयोजन के दौरान देवी-देवताओं के पश्वा गर्म लोहे की जांती पर आसन लेते हैं। इस साल जांती मेले के दौरान 24 जनवरी को पश्वा जांती पर आसन लेंगे। पहले दिन भगवान घंटाकर्ण की डोली गांव के मूल मंदिर से कुबेर चौक पहुंची। घंटाकर्ण को लेने घंटाकर्ण मंदिर में स्वयं भगवान कुबेर महाराज पहुंचे। दोनों देवताओं का मिलन हुआ और गाजे-बाजों के साथ भजन, कीर्तन करते हुए देवी देवता योगध्यान बदरी मंदिर पहुंचे। यहां पर योगध्यान के दर्शन व परिक्रमा करने के बाद भगवान कुबेर व घंटाकर्ण वापस कुबेर मंदिर स्थित कुबेर चौक में पहुंचे। यहां पर भक्तों ने कुबेर व घंटाकर्ण को उनके आसन पर पौराणिक परंपराओं के अनुसार विराजित किया। यहां पर देवनृत्य का आयोजन भी किया गया। मां नंदा के (अवतारी पश्वा) भगत मेहता ने दुग्ध व गंगा जल से स्नान कर आसन लिया। कुबेर के पश्वा अखिलेश पंवार ने अलकनंदा नदी से लाए गए पवित्र जल से भरे घड़े से नुकीले कटार पर बैठकर स्नान कर सभी श्रद्धालुओं को आश्चर्यचकित किया। अन्य देवी देवताओं के अवतारी पश्वाओं ने जांती मेले के सफल आयोजन के लिए ग्रामीणों को आशीर्वाद दिया। इस दौरान ग्रामीण महिलाओं ने दांकुड़ी, चौफला नृत्य कर उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध किया।