फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नियुक्ति
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: चमोली जिले में शिक्षा विभाग में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ि
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: चमोली जिले में शिक्षा विभाग में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति का मामला प्रकाश में आया है। यह शिक्षिका 2014 अक्टूबर से शिक्षा विभाग में कार्यरत है। बताया गया कि शैक्षणिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन के दौरान शिक्षिका के सामान्य जाति का होने का पता लगा है। खंड शिक्षा अधिकारी ने मामले की रिपोर्ट मुख्य शिक्षा अधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक को भेजी है।
अक्टूबर 2014 में चित्रा गौड़ की नियुक्ति प्राथमिक विद्यालय तेफना मलारी चमोली में सहायक अध्यापिका के रूप में हुई। यह नियुक्ति अनुसूचित जाति के प्रमाणपत्र के आधार पर आरक्षण नियमों के अनुसार की गई। नौकरी के लिए शिक्षा विभाग में दिए गए शैक्षणिक प्रमाणपत्रों के अलावा 12 नवंबर 2012 को यह प्रमाण पत्र जिला पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार तहसील से जारी हुआ है। शिक्षिका वर्तमान समय में प्राथमिक विद्यालय मलाई गैरसैंण में तैनात हैं। खंड शिक्षा अधिकारी विवेक पंवार ने शिक्षिका के जोशीमठ में तैनाती के दौरान संदेह होने पर दस्तावेजों की जांच कराई तो बलदेव आर्य इंटर कॉलेज मुरादाबाद यूपी से 1996 में हाईस्कूल व 1999 में इंटरमीडिएट सहित टीसी में उक्त शिक्षिका की जाति ¨हदू ब्राह्मण दर्ज की गई है। खंड शिक्षा अधिकारी ने मामले की रिपोर्ट आठ फरवरी को मुख्य शिक्षा अधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक को भेजी है। विवेक पंवार का कहना है कि मामले में दस्तावेजों में जाति संबंधी रिपोर्ट को आलाधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेज दिया है।
जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक नरेश हल्दियानी व जिला शिक्षाधिकारी बेसिक ललित मोहन चमोला का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है।
खंड शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई होगी। मामले में शिक्षिका चित्रा गौड़ का कहना है कि खंड शिक्षा अधिकारी 2016 से लगातार मेरा उत्पीड़न किया जा रहा है। कई महीनों का वेतन रोका गया है। मुझे फंसाने का षडयंत्र रचा जा रहा है। महिला होने के बाद भी मेरा स्थानांतरण दुर्गम क्षेत्रों में लगातार किया गया। मेरा लगातार मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है।