फिर सुर्खियों में धौली गंगा पर बनी कृत्रिम झील, उपजिलाधिकारी ने किया निरीक्षण; मुहाने को चौड़ा करने का काम शुरू
पिथौरागढ़ में धौली गंगा नदी पर बनी कृत्रिम झील फिर से खबरों में है। उपजिलाधिकारी ने झील का निरीक्षण किया और झील के मुहाने को चौड़ा करने का काम शुरू करवाया ताकि पानी का प्रवाह सुचारू हो सके और बाढ़ का खतरा कम हो।

झील की लंबाई 300 मीटर ल चौड़ाई 60 मीटर के करीब। जागरण
संवाद सहयोगी जागरण गोपेश्वर। ज्योतिर्मठ विकासखंड के नीति घाटी में तमक गांव के पास धौली गंगा नदी पर बनी कृत्रिम झील फिर सुर्खियों में है । वैज्ञानिको की चिंता के बाद जिला प्रशासन के निर्देश पर उपजिलाधिकारी के नेतृत्व में विशेषज्ञों की टीम ने मौके का निरीक्षण कर प्रवाह निकासी के लिए मलबा हटाने का काम शुरू करा दिया है।
गौरतलब है कि 31 अगस्त की रात को बादल फटने से तमक नाले में आए मलबे से धौली गंगा का जल प्रवाह बाधित हुआ था, तब बीआरओ ने मलबा हटाकर पानी का प्रवाह सुचारू किया था। तमक नाले में मलारी नीती हाइवे पर पुल भी बह गया था। भारत-चीन सीमा से जुड़ने वाला एकमात्र रास्ता बंद होने से यहां पर दो दिनों में ही अस्थाई सड़क बनाकर यातायात सुचारू कराया गया था।
झील का आकार बढ़ने की सूचना के बाद जिलाधिकारी गौरव कुमार ने घटनास्थल पर अधिकारियों को भेज कर तत्काल झील की स्थिति का अवलोकन कर निकासी की व्यवस्था करने को कहा। जोशीमठ के एसडीएम चंद्रशेखर वशिष्ठ ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ झील का निरीक्षण किया। स्थानीय लोगों से भी बातचीत की। मौके पर जेसीबी मशीन से मलबा हटाने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। एसडीएम ने कहा कि पानी निकासी निरंतर हो रही है। झील की निरंतर निगरानी जारी है।
जिलाधिकारी गौरव कुमार ने बताया कि झील की लंबाई 300 मीटर ल चौड़ाई 60 मीटर के करीब है गहराई भी तीन मीटर आंकी गई है। वर्तमान में धौली गंगा से 15 मीटर क्षेत्र में जल निकासी हो रही है इसे बढ़ाकर 30 मीटर की जा रही है । उन्होंने कहा कि खतरे जैसी बात नहीं है।

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