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विधायक अमनमणि को चेकपोस्ट पर रोकने में एसआइ नवीन ने निभाई अहम भूमिका, बने कोरोना योद्धा

गौचर में चेकपोस्ट पर यूपी के निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी के काफिले को रोकने में अहम भूमिका निभाने वाले एसआइ नवीन चौहान को कोराना वॉरियर्स ऑफ द डे चुना गया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 11 May 2020 09:10 PM (IST)Updated: Mon, 11 May 2020 09:10 PM (IST)
विधायक अमनमणि को चेकपोस्ट पर रोकने में एसआइ नवीन ने निभाई अहम भूमिका, बने कोरोना योद्धा
विधायक अमनमणि को चेकपोस्ट पर रोकने में एसआइ नवीन ने निभाई अहम भूमिका, बने कोरोना योद्धा

गोपेश्वर(चमोली), जेएनएन। चमोली की सीमा पर गौचर में चेकपोस्ट पर यूपी के निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी के काफिले को रोकने में अहम भूमिका निभाने वाले एसआइ नवीन चौहान को कोराना वॉरियर्स ऑफ द डे चुना गया है। पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने उन्हें प्रशस्ति पत्र दिया है। 

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गौरतलब है कि सब इंस्पेक्टर नवीन चौहान ने चार मई को पांच जिलों की सीमा पार कर बदरीनाथ जाते हुए उत्तरप्रदेश के विधायक अमनमणि त्रिपाठी को गौचर कर्णप्रयाग में रोककर वापस भेजा था। पुलिस अधीक्षक ने दरोगा को सराहनीय कार्य के लिए कोराना वॉरियर्स आफ द डे घोषित किया है।

आपको बता दें तीन मई को उत्तर प्रदेश के चर्चित नेता अमरमणि त्रिपाठी के विधायक पुत्र अमनमणि त्रिपाठी तीन कारों के काफिले में कर्णप्रयाग के पास गौचर चेकपोस्ट पर पहुंचे। उनके साथ दस लोग और थे। यहां तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक लिया। इस पर विधायक ने पुलिसकर्मियों को अनुमति पत्र दिखाया, लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे जाने की अनुमति नहीं दी। आरोप है कि विधायक ने पुलिसकर्मियों से अभद्रता शुरू कर दी। इसकी सूचना कर्णप्रयाग के एसडीएम वैभव गुप्ता को दी गई। 

एसडीएम ने विधायक से फोन पर बात की। एसडीएम वैभव गुप्ता ने बताया कि उन्होंने विधायक को नियमों के बारे में जानकारी दी। विधायक को बताया गया कि भले ही उनके पास अनुमति है, लेकिन नियमानुसार उन्हें क्वारंटाइन करना होगा। बावजूद इसके विधायक कुछ सुनने को तैयार नहीं थे। उन्होंने एसडीएम से कहा कि मेरे पास बदरीनाथ और केदारनाथ जाने के लिए अनुमति पत्र है। एसडीएम ने बताया कि उन्होंने मुझसे भी अभद्रता की। 

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इसके बाद विधायक ने फोन पर चमोली की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया और पुलिस अधीक्षक यशवंत चौहान से भी बात की, अधिकारियों ने उन्हें बताया कि बदरीनाथ धाम के कपाट बंद हैं और उन्हें आगे यात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती। पुलिस और प्रशासन के तेवरों के बाद काफिला लौट गया। 

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