उपनल कर्मियों को 'सर्विस ब्रेक' का झटका
जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम (उपनल) के माध्यम से विभिन्न विभागों व
जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम (उपनल) के माध्यम से विभिन्न विभागों व सार्वजनिक उपक्रम में संविदा/आउटसोर्स कर्मियों की नियमितिकरण की राह में रोड़ा लग सकता है। यह रोड़ा किसी और ने नहीं बल्कि खुद उपनल ने लगाया है। उपनल ने सभी विभागों को पत्र भेज कहा है कि संविदा कर्मियों के अनुबंध का नवीनीकरण अनुबंध खत्म होने की तिथि से पहले नहीं बल्कि एक या दो दिन के ब्रेक के बाद किया जाए। ऐसे में संविदा कर्मियों को सर्विस ब्रेक का नुकसान उठाना होगा। क्योंकि विभागीय संविदा या नियमितिकरण के दायरे में वही संविदा कर्मी आएंगे जिनकी सर्विस कभी ब्रेक नहीं हुई है। बता दें कि कर्मचारियों की नियुक्ति विभाग उपनल के साथ 11 माह का अनुबंध के तहत करते हैं।
उपनल प्रबंधन ने सभी विभागाध्यक्षों को पत्र भेजा है कि उपनल द्वारा सिर्फ पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों को रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। उपनल नियोक्ता की माग के अनुसार मानव शक्ति प्रायोजित करता है। प्रायोजित अभ्यर्थियों को नियुक्ति देना मुख्य नियोक्ता का कार्य है। विभाग द्वारा उपनल के साथ 11 माह का अनुबंध किया जाता है। पत्र में कहा गया है कि अनुबंध की अवधि समाप्त होने के एक या दो दिन ब्रेक होने के बाद ही अनुबंध का नवीनीकरण किया जाना चाहिए। लेकिन मुख्य नियोक्ता द्वारा न ही ऐसा किया जा रहा है और न उपनल को इस बारे में सूचित किया जा रहा है। ऐसे में यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है उपनल द्वारा प्रायोजित कार्मिक उनके विभाग में कार्यरत है अथवा नहीं। वह भी तक जबकि पूर्व में इस बावत पत्र भेजकर सभी विभागाध्यक्षों को सूचित किया जा चुका था। उपनल के प्रबंध निदेशक ब्रिगेडियर (सेनि) पीपीएस पाहवा के अनुसार यह व्यवस्था पूर्व से ही चली आ रही थी। लेकिन कई विभाग इसका पालन नहीं कर रहे। अब मुख्य सचिव के निर्देश पर विभागों को रिमाइंडर भेजा गया है।