बदरीनाथ धाम दर्शन को पहुंचे ज्योतिष्पीठ के संत स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, तीर्थयात्रियों को किया संबोधित
गोपेश्वर राम जन्मभूमि न्यास के ट्रस्टी व ज्योर्तिमठ के प्रमुख संत स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज सड़क मार्ग से श्री बदरीनाथ धाम दर्शन को पहुंचे। उन्होंने भगवान श्री बदरीविशाल के दर्शन किये और मंदिर में पूजा अर्चना की तथा जगत कल्याण की कामना की।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: राम जन्मभूमि न्यास के ट्रस्टी व ज्योर्तिमठ के प्रमुख संत स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज सड़क मार्ग से श्री बदरीनाथ धाम दर्शन को पहुंचे। उन्होंने भगवान श्री बदरीविशाल के दर्शन किये और मंदिर में पूजा अर्चना की तथा जगत कल्याण की कामना की।
बदरीनाथ धाम दर्शन को पहुंचे ज्योतिष्पीठ के संत स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज
मंदिर में दर्शन के बाद वह संत वासुदेवानंद सरस्वती मंदिर परिसर में पहुंचे जहां श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ने उनका स्वागत किया तथा भगवान बदरीविशाल का प्रसाद, अंगवस्त्र तुलसी माला भेंट की। मंदिर परिसर में मौजूद तीर्थयात्रियों तथा अनुयायियों ने महाराज से आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर बामणी- पांडुकेश्वर गांव से महिला मंडल दल की भजन मंडली भी उनके स्वागत के लिए पहुंची। तीर्थ पुरोहितों सहित स्थानीय जन प्रतिनिधियों द्वारा स्वामी वासुदेवानंद का स्वागत किया गया।
सरस्वती महाराज ने मंदिर परिसर में तीर्थयात्रियों को किया संबोधित
उल्लेखनीय है कि स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज अपने शिष्यों के साथ विगत एक सप्ताह से ज्योतिष्पीठ जोशीमठ प्रवास पर है तथा प्रत्येक यात्रा वर्ष वह भगवान बदरीविशाल के दर्शन के लिए पहुंचते है। आज श्री बदरीनाथ धाम में दर्शन के बाद मंदिर परिसर में उन्होंने अपने संबोधन में तीर्थयात्रियों तथा भक्तों को आशीर्वाद दिया तथा सनातन धर्म की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहने को कहा। उन्होंने कहा कि हमें गौमाता, गंगा माता तथा गायत्री माता अर्थात गौ- गगा- गायत्री का सम्मान करना चाहिए तथा स्वधर्म का पालन करना चाहिए ।
आदिगुरु शंकराचार्य महाराज ने की देश में चार मठों की स्थापना: सरस्वती महाराज
सरस्वती महाराज ने कहा कि आदि गुरु शंकराचार्य महाराज ने देश में चार मठों की स्थापना की जिसमें ज्योतिष्पीठ प्रमुख है तथा श्री बदरीविशाल ज्योतिष्पीठ के अराध्य हैं। उन्होंने आगे कहा कि श्री बदरीविशाल की मूर्ति को नारद कुंड में विलुप्त करने के प्रयास हुए तो आदि गुरु शंकराचार्य जी ने भगवान बदरीविशाल की स्वयंभू मूर्ति को नारद कुंड से निकालकर भगवान बदरीविशाल के मंदिर में पुनर्स्थापना की। कार्यक्रम का संचालन ज्योतिष्पीठ के पीठ पुरोहित तथा नगर पालिका जोशीमठ के पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती ने किया।
इस अवसर पर स्वामी शंकर, स्वामी ब्रह्मानंद, स्वामी अद्वेतानंद, मिलक( उप्र) पूर्व विधायक ज्वाला प्रसाद, श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति सदस्य भास्कर डिमरी, प्रभारी अधिकारी अनिल ध्यानी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, वेदपाठी रविन्द्र भट्ट, नगरपालिका जोशीमठ के अध्यक्ष शैलेंद्र पंवार, पंडा पंचायत के मोनू पंचभैया, आचार्य विपिन मिश्रा, राजेंद्र सेमवाल, डा. हरीश गौड़ सहित तीर्थयात्री श्रद्धालुजन एवं साधु-संत मौजूद रहे।