108 वाहन में फार्मेसिस्ट और आशा कार्यकत्र्ता ने कराया प्रसव
बुधवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में फिर से स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खुल गई।
संवाद सूत्र, गैरसैंण: बुधवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में फिर से स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खुल गई। हालांकि, 108 आकस्मिक सेवा वाहन में फार्मेसिस्ट और आशा कार्यकत्र्ता ने सुरक्षित प्रसव करा दिया। उधर, प्रसव के बाद प्रसूता के स्वजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गैरसैंण में उसे भर्ती कराने के लिए एक घंटे तक गुहार लगाते रहे, लेकिन स्वास्थ्य कर्मचारियों ने उनकी एक न सुनी। बाद में उसे भर्ती किया गया।
बुधवार सुबह गैरसैंण नगर मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर फरकंडे ग्राम पंचायत के सेरा रमाग्वाड़ निवासी मनोहर सिंह की पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर 108 सेवा वाहन से संपर्क किया गया। कुछ समय बाद आकस्मिक सेवा वाहन गांव पहुंचा और गर्भवती को लेकर गैरसैंण रवाना हुआ। लेकिन, रास्ते में महिला की तबीयत अधिक बिगड़ने लगी। इस पर वाहन में मौजूद फार्मेसिस्ट संदीप सिंह व आशा कार्यकत्र्ता सरस्वती देवी ने अस्पताल से दो किलोमीटर पहले तल्ला ग्वाड़ में महिला का सुरक्षित प्रसव करा दिया। इसके बाद जच्चा-बच्चा को प्राथमिक उपचार के लिए स्वजन गैरसैंण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाए, लेकिन अस्पताल कर्मियों ने चिकित्सक न होने की बात कहते हुए उन्हें प्रवेश द्वार पर ही रोक लिया। इस दौरान उनकी स्वास्थ्य कर्मियों के साथ नोकझोंक हुई और एक घंटे बाद महिला को भर्ती कराया गया।
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पहले भी एक प्रसूता को नहीं किया था भर्ती: मंगलवार को भी ऐसी ही घटना सामने आई थी जब धरापानी गांव की महिला को अस्पताल कर्मियों ने सीएचसी गैरसैंण में उपचार से इन्कार कर दिया था। जिस पर 108 सेवा से उसे चौखुटिया अस्पताल ले जा रहे थे। लेकिन, महिला ने गैरसैंण से 15 किलोमीटर दूर 108 में बच्ची को जन्म दिया था।
एक भी चिकित्सक नहीं
वर्तमान में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गैरसैंण में 12 चिकित्सकों के सापेक्ष एक भी चिकित्सक तैनात नहीं है, जिससे क्षेत्रवासी परेशानी का सामना कर रहे हैं।