Move to Jagran APP

पिलंग की रुकमणी देवी को आइकोनिक मदर पुरस्कार

माउंटेन पीपुल फाउंडेशन की संरक्षक व रुकमणी देवी होम्योपैथिक सेंटर की संस्थापक 76 वर्षीय रुकमणी देवी को भारत सरकार की ओर से मानवता एवं सामाजिक सेवाओं के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार वयोश्रेष्ठ 2021 के तहत आइकोनिक मदर पुरस्कार उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के हाथों दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Oct 2021 11:04 PM (IST)Updated: Fri, 01 Oct 2021 11:04 PM (IST)
पिलंग की रुकमणी देवी को आइकोनिक मदर पुरस्कार
पिलंग की रुकमणी देवी को आइकोनिक मदर पुरस्कार

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: माउंटेन पीपुल फाउंडेशन की संरक्षक व रुकमणी देवी होम्योपैथिक सेंटर की संस्थापक 76 वर्षीय रुकमणी देवी को भारत सरकार की ओर से मानवता एवं सामाजिक सेवाओं के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार वयोश्रेष्ठ 2021 के तहत आइकोनिक मदर पुरस्कार उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के हाथों दिया गया।

loksabha election banner

दिल्ली के विज्ञान भवन में गुरुवार को आयोजित एक समारोह में उन्हें यह सम्मान दिया गया। रुकमणी देवी दशोली विकासखंड के पिलंग गांव की रहने वाली हैं। बताया गया कि रुकमणी देवी के मार्गदर्शन में डा. उमेश चंद्र पंत पहाड़ी व उनके सहयोगी डा. गोविद राठौर, डा. अदिति महाजन ने पहला सुख निरोगी काया के मंत्र के साथ देश की पहली होम्योपैथिक कोविड-19 मुहिम फरवरी 2020 से चला रहे हैं। इसके अलावा उनकी ओर से वैदिकशाला यज्ञोपैथी का भी संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा वह पहाड़ी क्षेत्रों में महिला सशक्तीकरण पर भी कार्य कर रही हैं। रुकमणी देवी का कहना है कि उनका सपना गांवों व कस्बों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ स्वास्थ्य, संस्कृति, संस्कार यही जीवन का आधार मंत्र के प्रति जागरूक करना है।

रुकमणी देवी के पति की मौत 25 साल पहले हो गई थी। उन्होंने अपने तीन बेटों को उच्च शिक्षित कर इस काबिल बनाया कि वह जिम्मेदार पदों पर कार्य कर अन्य की मदद करने की स्थिति में रहे। बताया गया कि इसी को आधार बनाकर रुकमणी देवी शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता के क्षेत्र में कार्य करना शुरू किया। रुकमणी देवी का कहना है कि गरीब, असहाय को शिक्षा के क्षेत्र में मदद, गांव में स्वच्छता अभियान चलाकर स्वच्छता से स्वास्थ्य का रिश्ता समझाने का प्रयास किया। उनका कहना है कि कोरोना काल में उन्होंने दवा सहित कोरोना के बचाव की सामग्रियों को ग्रामीणों तक पहुंचाते हुए महत्व समझाया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.