सरतोली गाव में घर पर नहीं, स्कूल में ही होना होगा क्वारंटाइन
संवाद सहयोगी गोपेश्वर पहाडों में कोरोना संक्रमितों की तादाद बढने के साथ ही ग्रामीण भी सतर्क हो
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: पहाडों में कोरोना संक्रमितों की तादाद बढने के साथ ही ग्रामीण भी सतर्क हो गए हैं। चमोली जिले में बदरीनाथ के पास देश के अंतिम गाव माणा ने अपनी सीमाओं को सील किया तो टिहरी जिले के गंगी गाव ने भी पूर्ण लॉकडाउन लागू कर दिया है। अब चमोली का सरतोली गाव भी इसी राह पर है।
दशोली ब्लाक का यह गाव जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में शामिल है। गाव की आबादी करीब पाच सौ है और 50 से अधिक लोग रोजी रोटी के लिए दूसरे शहरों में हैं। हालाकि लॉकडाउन के बाद दो माह में करीब 20 लोग गाव पहुंच चुके थे, लेकिन यह मार्च और अप्रैल का था। मई में बीते दिनों एकाएक संक्रिमतों की संख्या बढ़ने लगी और ग्रीन जोन में शामिल चमोली भी ऑरेंज हो गया। ग्राम प्रधान विनीता देवी ने बताया कि इसके बाद ग्रामीणों ने बैठक और सर्वसम्मति से कुछ निर्णय लिए। इसमें तय किया गया कि प्रशासन भले ही किसी को होम क्वारंटाइन के लिए कहे, लेकिन उसे गाव से बाहर प्राथमिक विद्यालय में ही क्वारंटाइन किया जाएगा। युवकों की टीम क्वारंटाइन किए गए लोगों पर नजर भी रखेगी। गाव की सीमाएं एक सप्ताह के लिए पूरी तरह से सील कर दी गई हैं। हरिद्वार और देहरादून से गए चार युवकों को इसी व्यवस्था के तहत क्वारंटाइन किया गया। ग्रामसभा की ओर से इन युवकों को बिस्तर, राशन और बरतन उपलब्ध करा दिए गए हैं। इन्हें स्वयं ही खाना बनाना है। इस दौरान इनके स्वजन भी नहीं मिल सकेंगे। ग्राम प्रधान ने बताया कि यह निणर्य सर्वमान्य है और गाव से बाहर रह रहे लोगों को फोन पर इस निणर्य से अवगत भी करा दिया गया है।