Move to Jagran APP

पाइपों में जमी बर्फ, पेयजल संकट

संवाद सहयोगी गोपेश्वर लगातार हो रही बर्फबारी से गांवों में पानी का संकट भी गहरा गया है

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Feb 2019 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 03:00 AM (IST)
पाइपों में जमी बर्फ, पेयजल संकट
पाइपों में जमी बर्फ, पेयजल संकट

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: लगातार हो रही बर्फबारी से गांवों में पानी का संकट भी गहरा गया है। पेयजल महकमे का दावा है कि छह निर्जन पड़ाव गांवों में ही पानी का संकट है। परंतु जिले के 10 से अधिक गांव ऐसे हैं जहां इस समय भारी बर्फबारी के बाद पानी की आपूर्ति ठप है। ग्रामीण बर्फ को पिघलाकर ही किसी तरह पीने का पानी प्राप्त कर रहे हैं।

loksabha election banner

चमोली जिले में एक महीने से रुक रुककर बर्फबारी का दौर जारी है। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बसे गांवों में बर्फबारी से सबसे अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। जिले के सुदूरवर्ती गांवों की बात करें तो डुमक, कलगोठ, पाणा, ईराणी, झींझी, रामणी, कनोल, सुतोल समेत कई गांव ऐसे हैं जहां अभी भी दो फीट से अधिक बर्फ जमीं हुई है। मौसम साफ होने के बाद हालांकि बर्फ पिघलनी शुरू हो गई है। मगर इन गांवों में पाइपों के अंदर भी बर्फ जम जाने के कारण पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। बाहर बर्फ से पैदल मार्ग बंद हैं। इसलिए प्राकृतिक स्त्रोतों से भी पानी नहीं लाया जा सकता। जबकि पाइपों के अंदर पानी बर्फ बन गया है। ऐसे में बर्फ को पिघलाकर ही ग्रामीण पीने का पानी प्राप्त कर रहे हैं। मवेशियों के लिए भी इसी तरह जुगाड़ कर काम चलाया जा रहा है। हालांकि पेयजल संस्थान का दावा है कि हनुमानचट्टी से ऊपर बदरीनाथ रूट पर तथा गो¨वदघाट से ऊपर हेमकुंड रूट पर छह निर्जन पड़ाव गांवों में ही पेयजल सप्लाई बंद है। रामणी के ग्रामीण सूरज ¨सह का कहना है कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बसे गांवों में बर्फ इतनी है कि पाइपों के अंदर का पानी भी बर्फ बन गया है। ऐसे में बर्फ को पिघलाकर पीने का पानी ग्रामीण प्राप्त कर रहे हैं। जल संस्थान के ईई प्रवीन कुमार सैनी ने बताया कि जिले के छह निर्जन पड़ाव गांवों में ही पानी की कमी है। पाइपों के अंदर कम तापमान के चलते पानी बर्फ बन गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की पेयजल किल्लत नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.