बाइपास पर ग्रामीण व सरकार आमने-सामने
संवाद सहयोगी गोपेश्वर मारवाड़ी बाइपास को लेकर सरकार व ग्रामीण आमने-सामने आ गए हैं। ग्रा
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: मारवाड़ी बाइपास को लेकर सरकार व ग्रामीण आमने-सामने आ गए हैं। ग्रामीण मारवाड़ी बाइपास के विरोध में एक माह से अधिक समय से आंदोलन कर रहे हैं।
अभी तक ऋषिकेश बदरीनाथ हाईवे से जोशीमठ होते हुए ही यात्रा की जा रही है। परंतु सरकार मारवाड़ी बाइपास का निर्माण करने का प्रयास कर रही है। तर्क है कि मारवाड़ी बाइपास बनने से बदरीनाथ धाम की दूरी पांच किमी से अधिक कम होगी। जबकि अभी तक जोशीमठ होते हुए यह दूरी पांच किमी से अधिक है। इस बाइपास का विरोध जोशीमठ के ग्रामीण लंबे समय से कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का तर्क है कि यदि मारवाड़ी बाइपास बनता है तो इससे धार्मिक शहर जोशीमठ यात्रा से अलग थलग पड़ जाएगा। यात्रा के दौरान हजारों वाहनों की जोशीमठ से आवाजाही होती है। इस दौरान यहां के लोग विभिन्न व्यवसाय से जुड़कर अपनी आर्थिकी को मजबूत करते हैं। लोगों का कहना है कि यदि मारवाड़ी बाइपास बनता है तो इससे सैकड़ों ग्रामीणों के हाथों से रोजगार छिन जाएगा। साथ ही जोशीमठ का अस्तित्व भी समाप्त हो जाएगा। ग्रामीण विरोध में एक माह से अधिक समय से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। मारवाड़ी बाइपास का विरोध कर रहे जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के सदस्य कमल रतूड़ी का कहना है कि जोशीमठ नगरी धार्मिक तो है ही। सामरिक लिहाज से भी यह नगर महत्वपूर्ण है। चूंकि चीन तिब्बत सीमा यहीं से लगी हुई है। उनका कहना है कि यदि मारवाड़ी बाइपास बनता है तो इससे सैकड़ों लोगों का रोजगार छिन जाएगा और यहां से पलायन बढ़ेगा।