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यहां सात किमी पैदल चल मरीज को पहुंचाया अस्पताल, जानिए यहां के कठिन डगर के बारे में

बीमार होने पर स्यूंण गांव निवासी रणजीत सिंह को ग्रामीणों ने कुर्सी की पालकी में सात किमी पैदल चलकर अस्पताल पहुंचाया।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 04 Sep 2019 06:56 PM (IST)Updated: Thu, 05 Sep 2019 07:07 AM (IST)
यहां सात किमी पैदल चल मरीज को पहुंचाया अस्पताल, जानिए यहां के कठिन डगर के बारे में
यहां सात किमी पैदल चल मरीज को पहुंचाया अस्पताल, जानिए यहां के कठिन डगर के बारे में

गोपेश्वर, जेएनएन। एक सप्ताह से बंद पड़े बेमरू स्यूंण मोटर मार्ग के ग्रामीणों की मुसीबतें बढ़ने लगी हैं। सड़क पर बड़े बोल्डर, कीचड़ परेशानी का सबब बने हैं। लुदाऊं में बरसाती गदेरा उफान पर आने के बाद बेमरू से आगे वाहनों की आवाजाही नहीं हो पा रही है। सड़क बंद होने से मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने में सबसे अधिक दिक्कतें हो रही हैं। बुधवार को बीमार होने पर स्यूंण गांव निवासी रणजीत सिंह को ग्रामीणों ने कुर्सी की पालकी में सात किमी पैदल चलकर अस्पताल पहुंचाया। 

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बेमरू स्यूंण मोटर मार्ग के रखा रखाव की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजेएसवाइ) पोखरी के पास है। वर्तमान समय में यह सड़क स्यूंण तक कट चुकी है। मगर सड़क पर बरसात के दौरान आए बड़े बोल्डरों को विभाग अभी तक नहीं हटा पाया है। बताया गया कि शिकायत के बाद विभाग ने यहां जेसीबी मशीन भेजी थी, लेकिन मशीन से सिर्फ सड़क का मलबा हटाया गया, जबकि बोल्डरों को सड़क पर ही छोड़े जाने से एक सप्ताह से आवाजाही बंद पड़ी हुई है।

जहां सड़क ठीक भी है वहां पर कीचड़ के चलते लोगों को पैदल आवाजाही करने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्यूंण के निकट लुदाऊं में बरसाती गदेरा आने के कारण सड़क मार्ग पूरी तरह से ध्वस्त हो रखा है। सड़क बंद होने के कारण मरीजों के परिजनों को पैदल ही अस्पताल कर रूख करना पड़ रहा है। 

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स्यूंण के ग्रामीण भरत राणा का कहना है कि सड़क पर बरसात के दौरान मलबा आने के बाद विभाग ने मशीन भेजी। मगर मशीन से सिर्फ मलबा हटाया गया। बोल्डर अभी भी सड़क पर पड़े हुए हैं। दशरथ सिंह नेगी का कहना है कि लुदाऊं में बरसाती गदेरे से पूरी सड़क ध्वस्त हो गई है। शिकायत के बाद भी विभाग सड़क की मरम्मत नहीं कर रहा है।

गांव के वन पंचायत सरपंच हरीश राणा का कहना है कि सड़क की स्थिति खराब होने के कारण ग्रामीणों को आज भी सात किमी पैदल आवाजाही कर खाद्य सामग्री गांव तक पहुंचानी पड़ रही है। मामले में पीएमजेएसवाइ के अधिशासी अभियंता राजकुमार ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा सड़क बंद होने संबंधी शिकायत उनके पास नहीं आई है। अगर ऐसी स्थिति है तो तत्काल मशीन भेजकर सड़क को खोला जाएगा।

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