महाभिषेक में रही पांडव नृत्य व पांडवाणी की धूम
संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग: आदिबदरी कपाट खुलने के अवसर पर आयोजित सात दिवसीय महाभिषेक समारोह
संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग: आदिबदरी कपाट खुलने के अवसर पर आयोजित सात दिवसीय महाभिषेक समारोह व पर्यटन विकास मेले के दूसरे दिन खेल मैदान में स्थानीय शिक्षण संस्थाओं की खेलकूद व क्विज प्रतियोगिताओं सहित पांडव नृत्य आकर्षक का केंद्र रहा। वहीं मंदिर परिसर में आयोजित गणेश पुराण श्रवण के लिए भीड़ जुटी रही।
इस मौके पर रंडोली व स्यालकोट की महिला व युवक मंगल दल सहित ग्रामीणों ने पांडव नृत्य प्रस्तुत कर माहौल भक्तिमय बनाया। वहीं मेला पांडाल में आयोजित बिस्कुट प्रतियोगिता में वेदांत, वेदिका व अंजली, शब्दकोष प्रतियोगिता में नीरज, ऋतिका, रिया, गुब्बारा फुलाओ में अंजली, सगुन व संचिता, बाल-पासिंग में सगुन, महिमा व अंजली, ग्लास गैम में वेदिका, रिया व हिमांश, वर्ल्ड ट्विस्ट में दिव्यांशु, शीतल व शिखा क्रमश: प्रथम द्वितीय व तृतीय रहे। जबकि पांडवाणी गायन में तोप के कलम सिंह भंडारी व प्यूरां के आनंद सिंह ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। मंदिर परिसर में गणेश पुराण श्रवण के लिए कुमखोडी, जुलगढ़, भल्सों, नगली, ढ़मकर के ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी रही। आचार्य प्रशांत डिमरी ने गणेश जन्म व पंचदेव की महिमा का विस्तार से बखान कर माघ मास में धार्मिक आयोजन की महत्ता श्रद्धालुओं को बताई।
उधर राजराजेश्वरी चंडिका देवी मंदिर के कपाट पखवाड़ेभर के लिए बंद हो गए हैं इस मौके पर मंदिर में आयोजित पूजा में क्षेत्र के ग्रामीणों ने भाग लिया। मंदिर के पुजारी हरि प्रसाद गैरोला, प्रदीप गैरोला ने बताया कि मकर संक्रांति पर चंडिका देवी के कपाट 15 दिन तक बंद करने की परंपरा है इस दौरान चंडिका देवी को घृत कंबल का लेप किया गया। मंदिर के कपाट अब 30 जनवरी को खुलेंगे।