Move to Jagran APP

गोपेश्‍वर: दो दिन घर में ही तड़पती रही प्रसव पीड़िता, 18 किमी पैदल चलकर पहुंचाया अस्पताल, नवजात को द‍िया जन्म

दूरस्थ गांव डुमक की दीपक सिंह की पत्नी दीक्षा देवी की सोमवार की रात्रि से प्रसव पीड़ा शुरू हो गई थी। स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के चलते मंगलवार को पूरे दिन महिला घर पर ही प्रसव पीड़ा से तड़पती रही।

By Jagran NewsEdited By: Sumit KumarPublished: Thu, 17 Nov 2022 07:31 PM (IST)Updated: Thu, 17 Nov 2022 07:31 PM (IST)
गोपेश्‍वर: दो दिन घर में ही तड़पती रही प्रसव पीड़िता, 18 किमी पैदल चलकर पहुंचाया अस्पताल, नवजात को द‍िया जन्म
 प्रसव पीड़ा महिला  को पैदल ही  18 किमी चलकर पहुंचाया जिला चिकित्सालय गोपेश्वर  । जागरण

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: जोशीमठ विकासखंड के दूरस्थ क्षेत्र डुमक गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में दो दिनों तक प्रसव पीड़ा से तड़पती रही महिला को 18 किलोमीटर पैदल चलकर किसी तरह से जिला मुख्यालय गोपेश्वर पहुंचाया गया। इस दौरान, प्रसव पीड़ा महिला ने नवजात शिशु को जन्म दिया। बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों स्वास्थ्य हैं।

loksabha election banner

स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोल रही घटनाएं

पहाड़ में स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रति सरकार कितनी गंभीर है। आए दिन पहाड़ में हो रही घटनाएं सरकार के पहाड़ में स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोल रही है। दूरस्थ गांव डुमक की दीपक सिंह की पत्नी दीक्षा देवी की सोमवार की रात्रि से प्रसव पीड़ा शुरू हो गई थी। स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के चलते मंगलवार को पूरे दिन महिला घर पर ही प्रसव पीड़ा से तड़पती रही।

Dehradun News: स्कूटी पर सवार युवकों को गिरता देख सीएम धामी ने रुकवाई फ्लीट, जाना उनका हाल; भिजवाया अस्‍पताल

देर शाम महिला को जिला चिकित्सालय गोपेश्वर लाया

ग्रामीणों ने जब प्रसव पीड़ित महिला की हालात गंभीर देखी तो गुरुवार की सुबह गांव के युवाओं व बुजुर्गों ने गांव में आपदा विभाग की ओर से 2013 में दिए गए खस्ताहाल स्ट्रेचर को डंडियों और रस्सियों से बांधकर करीब 18 किलोमीटर चलकर प्रसव पीड़िता को कुजौं मैकोट गांव में पहुंचाया, जहां से 14 किमी सड़क मार्ग से प्रसव पीड़ा महिला को देर शाम जिला चिकित्सालय गोपेश्वर लाया गया। जिला चिकित्सालय में प्रसव पीड़ित महिला ने नवजात शिशु को जन्म दिया।

सड़क के अभाव में गुजरना पड़ता है मुसीबतों से

डुमक गांव के यशवंत सिंह, सूरज सिंह भंड़ारी, बच्चन सिंह नेगी, नरेंद्र सिंह और योगम्बर सिंह का कहना है कि गांव में आए दिन बीमार ग्रामीणों और प्रसव पीड़िता से स्वास्थ्य सुविधाओं व सड़क के अभाव में आए दिन भारी मुसीबतों से गुजरना पड़ता है। गांव में सड़क व स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार एक ओर जहां पहाड़ों से पलायन रोकने व बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की बात करती है, वहीं पहाड़ों में स्वास्थ्य सुविधाओं की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है।

Uttarakhand News: उत्‍तराखंड में दैनिक, तदर्थ, कर्मियों को पेंशन के लिए बनेगी पारदर्शी व्यवस्था


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.