आज माता मूर्ति से मिलेंगे भगवान बदरी नारायण
भगवान वामन के जन्मोत्सव पर आज बदरीनाथ धाम में आयोजित होने वाले माता मूर्ति मेले की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: भगवान वामन के जन्मोत्सव पर आज बदरीनाथ धाम में आयोजित होने वाले माता मूर्ति मेले की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कपाट खुलने के बाद पहली बार आज भगवान नारायण अपनी मां से मिलने देश के अंतिम गांव माणा के पास स्थित माता मूर्ति मंदिर जाएंगे। इसके बाद धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी बदरीनाथ क्षेत्र में कहीं भी आवाजाही कर सकते हैं। परंपरा के अनुसार कपाट खुलने के बाद से वामन द्वादशी तक रावल अपने निवास से मंदिर तक ही जा सकते हैं।
भाद्रपद शुक्ल द्वादशी को भगवान विष्णु ने वामन अवतार धारण किया था। यह ऐसा मौका है, जब बदरीनाथ धाम में भगवान नारायण का अपनी मां मूर्ति से भावपूर्ण मिलन होता है। बदरीनाथ धाम से तीन किमी दूर माणा गांव के पास माता मूर्ति का पौराणिक मंदिर है। यहां हर साल वामन द्वादशी पर भव्य मेला लगता है।
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते इस बार यह आयोजन सादगी से हो रहा है। परंपरा के अनुसार मेले से एक दिन पूर्व शुक्रवार को क्षेत्रपाल घंटाकर्ण महाराज के पश्वा ने बदरीनाथ मंदिर पहुंचकर भगवान नारायण को माता मूर्ति मंदिर आने का निमंत्रण दिया।
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धाम में आज के कार्यक्रम
-सुबह 9.30 बजे बाल भोग के पश्चात भगवान नारायण की गद्दी व उनके बालसखा उद्धवजी की डोली के साथ रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह, वेदपाठी व श्रद्धालु माणा के पास माता मूर्ति मंदिर के लिए प्रस्थान करेंगे।
-दोपहर 12 बजे भगवान नारायण के प्रतिनिधि उद्धवजी माता मूर्ति से भेंट करेंगे। पूजा-अर्चना के बाद भगवान नारायण को दोपहर का भोग माता मूर्ति मंदिर में ही लगेगा।
-दोपहर बाद 3.30 बजे उद्धवजी की डोली के वापस बदरीनाथ धाम पहुंचने पर मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। उद्धवजी की डोली के माता मूर्ति मंदिर के लिए प्रस्थान करते ही मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं।