नाले में बन रही झील, खतरे में नंदप्रयाग का अस्तित्व
नंदप्रयाग पर खतरा मंडरा रहा है। नगर के ऊपर सिंचाई विभाग के नाले में भारी मात्र में मलबा भरने से वहां पानी झील का आकार ले रहा है।
गोपेश्वर, [जेएनएन]: पंचप्रयागों में शामिल नंदप्रयाग का अस्तित्व खतरे में है। नंदप्रयाग नगर के ऊपर सिंचाई विभाग के नाले में भारी मात्र में मलबा भरने से वहां पानी झील का आकार ले रहा है। अगर मलबा जल्द नहीं हटाया गया और झील ने वृहद रूप धारण किया तो नंदप्रयाग नगर कभी भी तबाह हो सकता है। बावजूद इसके सिंचाई विभाग निश्चिंतता की चादर ओढ़े हुए है।
अलकनंदा और नंदाकिनी नदी के संगम पर बसा नंदप्रयाग नगर बदरीनाथ धाम की यात्रा का भी महत्वपूर्ण पड़ाव है। लेकिन, सिंचाई विभाग की लापरवाही ने नंदप्रयाग के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है। विभाग ने यहां चंडिका मंदिर के ऊपर एंटीरोजक तोक में सुरक्षा के मद्देनजर नाले का निर्माण किया था। इस नाले से बरसाती पानी नगर में आने के बजाय सीधे पास के नाले में चला जाता है। मगर, वर्तमान में यह नाला मलबे से अटा पड़ा है, जिससे उसमें जमा हो रहा बरसात का पानी झील का रूप धारण कर रहा है।
मंगरोली के ग्राम प्रधान तेजवीर सिंह कंडेरी का कहना है कि नंदप्रयाग में सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता से इस संबंध में कई बार शिकायत की जा चुकी है। फिर भी विभाग इसे नजरंदाज कर रहा है, नगर के लिए खतर पैदा हो गया है। उधर, सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता सिकंदर राठौर ने बताया कि नाले को साफ करने की कार्रवाई की जा रही है।
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