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नीलकंठ पर्वत से लाए ब्रह्मकमल

बदरीनाथ : बदरीनाथ बामणी गांव में फुलारियों की फूल कंडी लाते ही मां नंदा देवी का तीन दिवस

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 10:08 PM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 10:08 PM (IST)
नीलकंठ पर्वत से  लाए ब्रह्मकमल
नीलकंठ पर्वत से लाए ब्रह्मकमल

बदरीनाथ : बदरीनाथ बामणी गांव में फुलारियों की फूल कंडी लाते ही मां नंदा देवी का तीन दिवसीय स्थानीय मेला शुरू हो गया है। बामणी गांव के चार बारीदार फुलारी नीलकंठ पर्वत से ब्रह्मकमल फूल तोड़कर मां नंदा की पूजा के लिए लाए थे।

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ब्रह्मकमल लाने के लिए गए बारीदार (हकहकूकधारी) चार ग्रामीणों ने ऋषि गंगा में स्नान करने के उपरांत ब्रहमकमल के फूलों को निकालकर कंडी में सजा कर लाया जाता है। प्राचीन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ब्रहमकमल की किसी एक कंडी में मां नंदा अपने ससुराल कैलाश से भंवरे के रूप में बैठ कर बदरीनाथ धाम पहुंचती है। इस वर्ष सांय पांच बजे ढोल नगाडों के साथ मां नंदा के पश्वा भगत ¨सह कुबेर के पश्वा अखिलेश पंवार , घंटाकर्ण के पश्वा संजीव भंडारी ने नीलकंठ के तलहट्टी से फूलों की कंडी को आते हुए देखा तो मां नंदा को लेने के लिए बामणी गांव से नीलकंठ गए। फुलारी बामणी गांव स्थित मां नदां के मैती उत्तम मेहता के घर पर पहुंचे , यहां से पूजा अर्चना के बाद मध्य रात्रि को मां देवी के उत्सव स्वरुप को बामणी गांव के मंदिर में स्थापित किया जाएगा।


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