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International womens day 2020: इंदिरा हृदयेश बोलीं, महिला सुरक्षा को लेकर काफी कुछ किया जाना बाकी

महिला सुरक्षा को लेकर बड़ी-बड़ी बातें तो हो रही हैं लेकिन स्थित आज भी बहुत बेहतर नहीं है। असुरक्षा का भाव है। ये कहना है नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 08 Mar 2020 02:32 PM (IST)Updated: Sun, 08 Mar 2020 02:32 PM (IST)
International womens day 2020: इंदिरा हृदयेश बोलीं, महिला सुरक्षा को लेकर काफी कुछ किया जाना बाकी
International womens day 2020: इंदिरा हृदयेश बोलीं, महिला सुरक्षा को लेकर काफी कुछ किया जाना बाकी

गैरसैंण(चमोली), राज्य ब्यूरो। 'देशभर में महिला सुरक्षा को लेकर बड़ी-बड़ी बातें तो हो रही हैं, लेकिन स्थित आज भी बहुत बेहतर नहीं है। असुरक्षा का भाव है। सुरक्षा की दृष्टि से बेटियां स्वछंदता से कहीं आ-जा नहीं सकतीं।' यह कहना है राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश का। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए महिला सुरक्षा को लेकर अभी काफी कुछ किया जाना बाकी है। 

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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर जागरण से बातचीत में डॉ. हृदयेश ने कहा कि आज भी समाज में पुरुषों का प्रभुत्व नजर आता है। यह ठीक है कि बेटियां तमाम क्षेत्रों में बुलंदियां हासिल कर रही हैं। बावजूद इसके कई क्षेत्रों में महिलाओं को अधिकार और सुरक्षा प्राप्त नहीं है। इसे देखते हुए सरकारों के स्तर पर तो कदम उठाए ही जाने चाहिए, सोच में भी बदलाव लाना होगा। जेंडर भेद खत्म करना होगा। महिलाओं को सम्मान और सुरक्षा दोनों ही मिलनी चाहिए। हालांकि, इस दिशा में कुछ कार्य हुए हैं, लेकिन ये प्रयास नाकाफी हैं। इनमें तेजी लाने की जरूरत है। 

उत्तराखंड के परिप्रेक्ष्य में उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य के निर्माण में यहां की मातृशक्ति का संघर्ष किसी से छिपा नहीं है। इसकी बदौलत ही उत्तराखंड बना। अब सबकी जिम्मेदारी है कि यहां की महिलाओं की दुख तकलीफों के निदान को प्रभावी कदम उठाए जाएं।

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सरकार को मातृशक्ति के उत्थान के लिए प्रभावी कार्ययोजनाएं बनाकर इन्हें धरातल पर उतारना होगा। खासकर, पर्वतीय क्षेत्र की महिलाओं को केंद्र में रखकर योजनाएं धरातल पर उतारनी होंगी। इसके साथ ही महिलाओं को भी जागरूक होकर अपने अधिकारों को लेकर संजीदगी से आगे आना होगा। 

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