पहली बार चमोली जिले के निजमुला घाटी में घनघनाए मोबाइल फोन Chamoli News
चमोली जिले की निजमुला घाटी के दर्जनभर गांवों को आखिरकार मोबाइल सेवा की सौगात मिल गई है। राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी ने घाटी के लिए जियो मोबाइल सेवा की ऑनलाइन शुरूआत की।
गोपेश्वर (चमोली), जेएनएन। चमोली जिले की निजमुला घाटी के दर्जनभर गांवों को आखिरकार मोबाइल सेवा की सौगात मिल गई है। शनिवार को राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी ने घाटी के लिए जियो मोबाइल सेवा की ऑनलाइन शुरूआत की। ग्रामीणों ने मोबाइल सेवा शुरू होने को घाटी के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया।रिलायंस जिओ के उत्तराखंड हेड विशाल अग्रवाल ने कहा कि जल्द ही घाटी के ईराणी गांव में भी एक टॉवर स्थापित किया जाएगा। इसके बाद सिग्नल की समस्या नहीं आएगी। इस मौके पर सीमा देवी, गोदांबरी देवी, प्रकाश सिंह, मनवर सिंह, मोहन सिंह आदि मौजूद रहे।
गौरलतब है कि निजमुला घाटी के दर्जनभर गांव अब तक संचार सेवा से महरूम थे। ऐसे में ईराणी गांव के नौनिहालों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए काफी ऊंचाई पर स्थित संकटाधार जाना पड़ रहा था। 'दैनिक जागरण' में इस खबर के प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद घाटी में संचार सेवा की ओर जियो मोबाइल कंपनी का ध्यान गया। अब कंपनी ने बिरही में टॉवर स्थापित कर वहां से रिपीटर के जरिये सैंजी टावर होते हुए ईराणी सहित अन्य गांवों को मोबाइल सिग्नल उपलब्ध करा दिए हैं। इससे ईराणी, झींझी, पाणा, दुर्मी, पगना, धारकुमाला, गौंणा आदि गांवों में मोबाइल फोन घनघनाने लगे हैं। इन गांवों में लगभग छह हजार की आबादी निवास करती है।
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घाटी में लगा था पहला सेटेलाइट फोन
ब्रिटिश शासन काल के दौरान चमोली जिले का पहला टेलीफोन निजमुला घाटी में ही लगाया गया था। वर्ष 1894 में दुर्मी ताल के पास अंग्रेज अधिकारियों का गेस्ट हाउस हुआ करता था। यहां पर नौकायन भी होता था। तब गढ़वाल कमिश्नरी के इस क्षेत्र में पहला सेटेलाइट टेलीफोन लगाया गया था। सरकारी दस्तावेजों इसकी जानकारी उपलब्ध है। लेकिन, आजादी के बाद इस क्षेत्र को संचार सेवाओं से महरूम रखा गया।
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